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Mp Protsahan Yojana: एमपी के किसानों के लिए खुशखबरी मिलेगा 3900 रुपये प्रति हेक्टेयर का बोनस
Mp Protsahan Yojana: एमपी के किसानों के लिए खुशखबरी मिलेगा 3900 रुपये प्रति हेक्टेयर का बोनस
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। इस बार राज्य सरकार ने किसानों को बिना मिलेट्स खरीदे सीधे बोनस देने का ऐलान किया है। रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को 3900 रुपये प्रति हेक्टेयर का बोनस दिया जाएगा। यह फैसला किसानों को मिलेट्स की खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।
इस लेख में हम इस योजना की पूरी जानकारी, इसके लाभ, कारण, और किसानों के लिए इसके महत्व पर चर्चा करेंगे।
रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना
मध्यप्रदेश में कोदो-कुटकी जैसे मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए यह योजना लाई गई है। राज्य में करीब 1 लाख हेक्टेयर में कोदो-कुटकी की बुवाई की गई है। पहले सरकार ने इन अनाजों को सीधे किसानों से खरीदने का निर्णय लिया था, लेकिन फेडरेशन के गठन और व्यवस्थाओं में देरी के कारण खरीदारी संभव नहीं हो सकी।
अब, सरकार ने किसानों को उनके रकबे के आधार पर सीधे बोनस देने का फैसला किया है। यह फैसला मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में 3 जनवरी 2024 को जबलपुर में हुई बैठक के दौरान लिया गया।
Rani Durgavati Shri Anna Protsahan Yojana
- बिना खरीदी के बोनस:
- पहली बार सरकार बिना अनाज खरीदे किसानों को बोनस दे रही है।
- किसानों को प्रति हेक्टेयर 3900 रुपये का बोनस मिलेगा।
- मिलेट्स फेडरेशन का गठन:
- कोदो-कुटकी की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए सरकार ने मिलेट्स फेडरेशन का गठन किया है।
- फेडरेशन किसानों की फसल को उचित दाम पर बेचने में मदद करेगा।
- कोदो-कुटकी के मूल्य:
- सरकार ने कोदो के लिए 20 रुपये प्रति किलो और कुटकी के लिए 30 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया है।
- उत्पादन प्रोत्साहन:
- प्रति किलो 10 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन भी किसानों को मिलेगा।
मिलेट्स की खेती और मध्यप्रदेश का योगदान
मध्यप्रदेश में मिलेट्स (जैसे कोदो-कुटकी) की खेती मुख्य रूप से मंडला, डिंडोरी, और जबलपुर जिलों में की जाती है। इन क्षेत्रों को “मिलेट्स का कटोरा” कहा जाता है।
कोदो-कुटकी के बारे में जानकारी:
- कोदो:
- यह एक प्रकार का मोटा अनाज है, जो पोषण से भरपूर होता है।
- कोदो में प्रोटीन, फाइबर, और विटामिन-बी की प्रचुरता होती है।
- कुटकी:
- कुटकी भी एक मोटा अनाज है, जिसे कम पानी और खराब मिट्टी में उगाया जा सकता है।
- यह हृदय स्वास्थ्य और पाचन के लिए फायदेमंद है।
राजस्थान से तुलना:
- देश में मिलेट्स उत्पादन के मामले में राजस्थान पहले स्थान पर है।
- मध्यप्रदेश इस सूची में सातवें स्थान पर है, लेकिन राज्य में मिलेट्स की खेती का क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
बोनस देने का कारण
फेडरेशन के गठन में देरी:
- मिलेट्स की खरीदी, परिवहन, और भंडारण की व्यवस्था समय पर नहीं हो सकी।
- इसलिए सरकार ने सीधे किसानों को बोनस देने का निर्णय लिया।
किसानों का समर्थन:
- सरकार चाहती है कि किसान मिलेट्स की खेती में रुचि लें।
- यह बोनस किसानों को आर्थिक मदद देने और उनकी मेहनत का सम्मान करने के उद्देश्य से दिया जा रहा है।
योजना के लाभ
- आर्थिक मदद:
- किसानों को सीधे 3900 रुपये प्रति हेक्टेयर का बोनस मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- मिलेट्स की खेती को बढ़ावा:
- यह योजना किसानों को कोदो-कुटकी जैसी फसलों की खेती के लिए प्रेरित करेगी।
- किसानों का भरोसा:
- यह कदम किसानों का सरकार पर भरोसा बढ़ाएगा।
- पोषण सुरक्षा:
- मिलेट्स को बढ़ावा देने से पोषण सुरक्षा भी बढ़ेगी, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
किसानों के लिए सुझाव
- रकबे का पंजीकरण करें:
- किसान अपने खेतों का सही पंजीकरण सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें बोनस का लाभ मिल सके।
- मिलेट्स की खेती अपनाएं:
- कोदो-कुटकी की खेती से न केवल बोनस मिलेगा, बल्कि फसल का बाजार मूल्य भी अच्छा है।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी रखें:
- राज्य और केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं का भी लाभ लें, जैसे कि फसल बीमा योजना और न्यूनतम समर्थन मूल्य।
- उन्नत कृषि तकनीक अपनाएं:
- मिलेट्स की पैदावार बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करें।
योजना की चुनौतियां
- फेडरेशन की देरी:
- यदि फेडरेशन समय पर काम शुरू नहीं करता, तो किसानों की फसल बेकार हो सकती है।
- किसानों में जागरूकता:
- सभी किसान इस योजना के बारे में नहीं जानते, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है।
- लघु और सीमांत किसान:
- छोटे किसानों को योजना का लाभ दिलाने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की जरूरत है।
रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना मध्यप्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों को प्रोत्साहित करने और मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना से न केवल किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि राज्य में मोटे अनाज की खेती का दायरा भी बढ़ेगा।
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सरकार और किसानों के संयुक्त प्रयास से यह योजना सफल हो सकती है। किसानों को चाहिए कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और मिलेट्स की खेती को अपनाएं। यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए लाभदायक होगा।