
Wheat Cultivation:गेहूं की फसल में भरपूर बालियों के लिए पहली सिंचाई में करें ये खास उपाय, फसले होगी चकचक
Wheat Cultivation: हमारा देश चाहे जितनी भी तरक्की कर ले, लेकिन आज भी ज्यादातर लोग अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं। रबी फसलों की बुवाई हो चुकी है और अब किसान अपनी फसलों में हर जरूरी चीज का इस्तेमाल करना चाहते हैं, ताकि बेहतर उत्पादन हो सके। कई बार खेतों में कीड़ों के कारण उत्पादन पर असर पड़ता है।
गेहूं की फसल में खाद का महत्व
गेहूं की खेती में खाद का बड़ा महत्व है। इस लेख में हम आपको गेहूं की फसल में डाले जाने वाले एक विशेष खाद के बारे में बताएंगे, जिसे डालने से ना तो खेतों को नुकसान होगा और उपज भी दोगुनी होगी।
गेहूं की खेती में फॉस्फोरस का महत्व
जब गेहूं की बुवाई होती है, तो सबसे पहले फसल को फॉस्फोरस की जरूरत होती है। फसलों में सही मात्रा में फॉस्फोरस डालने से फसल अच्छी तरह से विकसित होती है और गेहूं का पौधा मजबूत बनता है। फॉस्फोरस को आप गेहूं की बुवाई के समय डाल सकते हैं और इसे पर्याप्त मात्रा में डालना चाहिए।
अगर आप गेहूं की पहली सिंचाई कर रहे हैं, तो उसमें DAP (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) का इस्तेमाल जरूर करें। यह गेहूं की फसल के लिए बहुत जरूरी है। अगर फॉस्फोरस जड़ तक नहीं पहुंचेगा, तो फसल अच्छी नहीं होगी। पहली सिंचाई के समय प्रति एकड़ 25 से 35 किलो डीएपी का प्रयोग अवश्य करें।
नाइट्रोजन और जिंक सल्फेट का महत्व
गेहूं की फसल में नाइट्रोजन की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पौधों को हरा-भरा रखने और उनकी पत्तियां बढ़ाने में मदद करता है। जब फसल एक दिन पुरानी हो जाए, तो उसमें यूरिया डालें। इससे पौधे कमजोर नहीं होंगे। साथ ही, जिंक सल्फेट का भी इस्तेमाल करें, इससे उत्पादन अच्छा होगा।
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खरपतवार और कीटों से बचाव
सबसे जरूरी बात यह है कि समय-समय पर खरपतवार नियंत्रण के लिए जरूरी प्रयास करें। खरपतवार का गेहूं की फसल पर बुरा असर पड़ता है और उत्पादन कम हो जाता है। इसके अलावा, कीटों से बचाव के लिए भी जरूरी उपाय जरूर करें।