
भारत से अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोबर बिक रहा ₹50 किलो, जाने बड़ा कारण
गौमूत्र और गोबर का महत्व अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। खासतौर पर कुवैत और अन्य अरब देश भारतीय गोबर को बड़ी मात्रा में आयात कर रहे हैं। ये देश अपने कृषि क्षेत्र, खासकर खजूर की खेती की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए गोबर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
यह भी पढ़िए :- Ladli Behna Yojana 2025: लाडली बहनों के लिए खुशखबरी 22,460 करोड़ का सप्लीमेंट्री बजट पास
खजूर की खेती में गोबर का अनोखा उपयोग
कुवैत और अन्य अरब देशों के कृषि वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि खजूर की फसल में गोबर के पाउडर का उपयोग करने से फल का आकार बड़ा होता है और उत्पादन भी काफी बढ़ता है। यही वजह है कि इन देशों में खजूर की खेती के लिए गोबर की भारी मांग है।
192 मीट्रिक टन गोबर का ऑर्डर
हाल ही में कुवैत ने भारत से 192 मीट्रिक टन गोबर का ऑर्डर दिया। इन तेल और गैस संपन्न देशों की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से ऊर्जा उत्पादन पर निर्भर है, लेकिन अब वे कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए नए विकल्प तलाश रहे हैं। भारत से आने वाला गोबर उनकी खजूर की खेती में एक बड़ी मदद साबित हो रहा है।
गोबर की कीमत
गोबर की बढ़ती मांग को इसकी कीमत से समझा जा सकता है। भारत से गोबर ₹30 से ₹50 प्रति किलो की दर से निर्यात किया जा रहा है। समय के साथ इसकी कीमत और बढ़ने की संभावना है। यह किसानों और उद्यमियों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो रहा है। जो गोबर पहले गांवों में मुफ्त में उपलब्ध होता था, वह अब महंगा उत्पाद बन गया है।
भारत में गोबर उत्पादन
भारत में लगभग 30 करोड़ पशु हैं, जो प्रतिदिन लगभग 30 लाख टन गोबर का उत्पादन करते हैं। यह विशाल संसाधन अब केवल भारत में बायोगैस, खाद और पर्यावरण-हितैषी उत्पाद बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निर्यात के लिए भी अहम बन गया है।
पवित्र संसाधन से वैश्विक आवश्यकता तक
गोबर को भारत में पारंपरिक रूप से पवित्र माना गया है। इसे फर्श पर लेप, उपले बनाने और धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है। अब जब दुनिया इसके फायदों को समझ रही है, तो इसका व्यावसायिक उपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है। गोबर पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते चलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
यह भी पढ़िए :- ₹5000 की इस SIP पर मिल रहा 5 लाख का फंड, यहाँ से समझे पूरा गणित
भारत के लिए नए अवसर
गोबर के निर्यात ने भारतीय किसानों और उद्यमियों के लिए नए अवसर खोले हैं। यह न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक है, बल्कि भारतीय परंपरा और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का माध्यम भी बन रहा है।