डीएपी और एनपीके उर्वरक की बिक्री अधिकारियों की देखरेख में सुनिश्चित नया नियम जारी

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

डीएपी और एनपीके उर्वरक की बिक्री अधिकारियों की देखरेख में सुनिश्चित नया नियम जारी शाजापुर जिले में डीएपी और एनपीके उर्वरक की बिक्री अब कृषि अधिकारियों की देखरेख में सुनिश्चित की जाएगी। यह निर्णय जिले की कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना के निर्देश पर लिया गया है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य किसानों को सही दाम पर गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराना और कालाबाज़ारी पर नियंत्रण रखना है।

क्यों ज़रूरी है यह व्यवस्था?

कई बार यह देखा गया है कि उर्वरक विक्रेता मनमानी कीमतों पर डीएपी और एनपीके जैसे ज़रूरी उर्वरकों की बिक्री करते हैं। इससे न केवल किसान आर्थिक रूप से प्रभावित होते हैं, बल्कि फसल उत्पादन पर भी असर पड़ता है। इसलिए अब यह तय किया गया है कि शाजापुर जिले में निजी उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों पर बिक्री की पूरी प्रक्रिया कृषि अधिकारियों की निगरानी में होगी।

किन विक्रेताओं पर होगी निगरानी?

शाजापुर जिले के कुल 30 निजी उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों पर यह व्यवस्था लागू की गई है। इन दुकानों पर नियुक्त कृषि अधिकारी न केवल स्टॉक की जांच करेंगे बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उर्वरक निर्धारित दरों पर बेचे जा रहे हैं या नहीं।

डीएपी और एनपीके उर्वरकों के निर्धारित मूल्य

शासन द्वारा प्रत्येक उर्वरक के लिए अधिकतम बिक्री मूल्य तय किया गया है। अगर कोई विक्रेता इससे अधिक मूल्य पर उर्वरक बेचता है तो उसके खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

निम्नलिखित उर्वरकों की प्रति बोरी निर्धारित दर:

  • डीएपी: 1350 रुपये
  • एनपीके 12:32:16: 1720 रुपये
  • एनपीके 20:20:0:13: 1300 रुपये
  • एनपीके 10:26:26: 1720 रुपये
  • एनपीके 14:35:14: 1750 रुपये

किसानों से की गई अपील

उप संचालक कृषि श्री के. एस. यादव ने किसानों से आग्रह किया है कि वे उर्वरक खरीदते समय बिल अवश्य प्राप्त करें। यदि कोई विक्रेता निर्धारित मूल्य से अधिक वसूलता है या बिल नहीं देता है, तो इसकी शिकायत संबंधित विकासखंड के अधिकारी को की जा सकती है।

शिकायत दर्ज कराने के लिए मोबाइल नंबर:

  • विकासखंड शाजापुर: 99819-21497
  • मो. बड़ोदिया: 99770-85760
  • शुजालपुर: 90091-60631
  • कालापीपल: 90982-83097

उपलब्ध उर्वरकों की जानकारी

शाजापुर जिले में डीएपी के अतिरिक्त अन्य कई प्रकार के एनपीके उर्वरक उपलब्ध हैं। इनमें मुख्य रूप से 12:32:16, 20:20:0:13, 10:26:26 और 14:35:14 शामिल हैं। उप संचालक ने यह भी बताया कि जिले में इन सभी उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है, इसलिए किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

विक्रेताओं के लिए निर्देश

सभी विक्रेताओं को यह निर्देशित किया गया है कि वे अपनी दुकानों पर उपलब्ध उर्वरक का स्टॉक और मूल्य सूची स्पष्ट रूप से चस्पा करें। इससे ग्राहकों को सही जानकारी मिलेगी और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सकेगा।

निगरानी की प्रक्रिया

कृषि अधिकारियों की ड्यूटी रोजाना दुकानों पर निरीक्षण के लिए लगाई गई है। अधिकारी न केवल स्टॉक का निरीक्षण करेंगे बल्कि यह भी देखेंगे कि बिक्री पारदर्शी तरीके से हो रही है या नहीं।

इस पहल का असर

इस निर्णय से किसानों को कई लाभ मिल सकते हैं:

  • उन्हें सही दाम पर उर्वरक मिलेंगे।
  • फसल उत्पादन में गुणवत्ता बनी रहेगी।
  • कालाबाज़ारी पर रोक लगेगी।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

कलेक्टर ऋजु बाफना और कृषि विभाग की इस पहल से निश्चित तौर पर किसानों को राहत मिलेगी। यह कदम कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को बढ़ावा देगा। किसानों को भी चाहिए कि वे सजग रहें, खरीदारी करते समय नियमों का पालन करें और किसी भी गड़बड़ी की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।

यह पहल अन्य जिलों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है, जिससे पूरे मध्य प्रदेश में उर्वरक वितरण की व्यवस्था अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो सके।

Leave a Comment