वाह दादी वाह: 80 साल की उम्र में ऐसा ट्रैक्टर चलाया कि लोग बोले- “हिम्मत हो तो ऐसी”

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वाह दादी वाह: 80 साल की उम्र में ऐसा ट्रैक्टर चलाया कि लोग बोले- “हिम्मत हो तो ऐसी”

आज की इस भागदौड़ भरी और तकनीक से जुड़ी दुनिया में जहां अक्सर यह सोच लिया जाता है कि बुजुर्ग अब सिर्फ आराम करने के लिए बने हैं, वहीं एक वीडियो ने इस सोच को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। यह वीडियो किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं है, जिसमें एक 80 साल की दादी मां खेत में खड़े ट्रैक्टर को स्टार्ट करती हैं और पूरे आत्मविश्वास और सलीके से चलाती हैं। यह दृश्य सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है और लोग इस दादी मां की हिम्मत और हौसले के कायल हो गए हैं।

इस प्रेरणादायक वीडियो में दादी मां न केवल ट्रैक्टर स्टार्ट करती हैं, बल्कि उसे इतने सहज और आत्मविश्वास से चलाती हैं कि देखने वाला हर कोई बस यही कहे- “वाह दादी वाह!”

दादी मां की एंट्री और आत्मविश्वास

वीडियो में देखा गया कि दादी मां सादी सी साड़ी पहनकर खेत में खड़े एक ट्रैक्टर की ओर बढ़ती हैं। उनके चेहरे पर आत्मविश्वास की झलक साफ देखी जा सकती है। जैसे ही वह ट्रैक्टर के पास पहुंचती हैं, बिना किसी हिचकिचाहट के उस पर चढ़ती हैं और उसे स्टार्ट करती हैं।

स्टेयरिंग पकड़ते समय उनकी पकड़ किसी प्रोफेशनल ड्राइवर से कम नहीं लगती। गियर बदलना, ट्रैक्टर को खेत में मोड़ना और आगे बढ़ाना, ये सबकुछ वे इतनी सहजता और आत्मविश्वास से करती हैं कि देखने वाले उनकी उम्र को भूल जाएं।

ट्रैक्टर की आवाज के साथ गूंजता है जज़्बा

जब दादी ट्रैक्टर को स्टार्ट करती हैं, तो उसके इंजन की आवाज जैसे उनके आत्मबल की शक्ति को दर्शाती है। खेत में काम करते समय उनके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान होती है। यह नज़ारा बताता है कि मेहनत की कोई उम्र नहीं होती और न ही हौसले का कोई पैमाना।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

यह वीडियो सबसे पहले @askshivanisahu नाम के एक्स (Twitter) अकाउंट से शेयर किया गया था। वीडियो पोस्ट करते ही यह इंटरनेट पर वायरल हो गया। हजारों लोगों ने इसे लाइक किया, शेयर किया और कमेंट्स में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।

एक यूजर ने लिखा, “बस इतना ही आत्मविश्वास चाहिए जिंदगी जीने के लिए।” एक और ने लिखा, “गांव की मिट्टी में जो दम है, वो किसी और में कहां।”

दादी का आत्मबल बना लाखों के लिए प्रेरणा

इस वीडियो को देखकर एक बात स्पष्ट हो जाती है कि उम्र महज एक संख्या है। अगर इरादा मजबूत हो और आत्मबल कायम रहे, तो इंसान कुछ भी कर सकता है। दादी मां ने यह साबित कर दिया कि 80 की उम्र में भी वो काम किया जा सकता है, जिसे आज की युवा पीढ़ी मुश्किल मानती है।

बदलती सोच और समाज के लिए संदेश

जहां एक ओर अक्सर यह धारणा बना ली जाती है कि बुजुर्गों को सिर्फ घर में आराम करना चाहिए, वहीं यह वीडियो उस सोच को चैलेंज करता है। यह दादी मां न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि वे समाज को यह संदेश भी दे रही हैं कि उम्र चाहे जो भी हो, अगर आत्मविश्वास हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं।

ग्रामीण भारत की सच्ची तस्वीर

इस वीडियो की लोकेशन तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन खेत, ट्रैक्टर और भाषा शैली को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि यह उत्तर भारत के किसी राज्य का दृश्य है। यह वीडियो हमें याद दिलाता है कि ग्रामीण भारत में आज भी ऐसे कई लोग हैं, जिनकी जिंदादिली और मेहनत हमें प्रेरित कर सकती है।

महिलाओं की सशक्तता की मिसाल

आज जहां महिला सशक्तिकरण की बातें होती हैं, वहां यह दादी मां एक जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने यह साबित किया कि महिलाएं सिर्फ घर संभालने के लिए नहीं बनीं, वे ट्रैक्टर भी चला सकती हैं, खेतों में काम कर सकती हैं और पुरुषों की बराबरी में खड़ी हो सकती हैं।

एक नई सोच की शुरुआत

इस वीडियो ने लाखों लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह सिर्फ एक वायरल वीडियो नहीं, बल्कि एक नई सोच की शुरुआत है। यह वीडियो बताता है कि बुजुर्गों को सीमाओं में न बांधा जाए, उन्हें भी अपने तरीके से जीने और करने का अवसर दिया जाए।

युवाओं को भी सीखने की जरूरत

जहां आज की युवा पीढ़ी इंटरनेट और गैजेट्स में उलझी हुई है, वहीं यह दादी मां हमें सिखा रही हैं कि जिंदगी जीने का असली तरीका क्या है। वे बता रही हैं कि मेहनत, आत्मबल और हिम्मत से हर मंजिल हासिल की जा सकती है।

यह वीडियो केवल एक महिला का ट्रैक्टर चलाना नहीं, बल्कि एक सोच को बदलने का प्रयास है। दादी मां ने यह दिखा दिया कि अगर इच्छा शक्ति हो, तो कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। उनकी हिम्मत, जज्बा और मुस्कान ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया है।

आइए हम सभी मिलकर ऐसी प्रेरणादायक कहानियों को साझा करें, ताकि समाज में सकारात्मक सोच का प्रसार हो सके। ऐसी दादी मां को हमारा सलाम।

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