Mp news: बैतूल सहित 20 जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट
Mp news: बैतूल सहित 20 जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट
मध्य प्रदेश (एमपी) में इन दिनों सर्दी अपने चरम पर है। बर्फीली हवाएं, घना कोहरा और गिरता तापमान राज्य के लोगों को कंपकंपा रहा है। इस बीच, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी जारी की है कि 12 जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव से राज्य के 21 जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। यह न केवल जन-जीवन को प्रभावित करेगा, बल्कि फसलों और आर्थिक गतिविधियों पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।
Mp में पश्चिमी विक्षोभ का असर
पश्चिमी विक्षोभ एक ऐसा मौसमी तंत्र है, जो उत्तर-पश्चिमी भारत में बर्फबारी और बारिश का कारण बनता है। इसका असर अब मध्य प्रदेश के मौसम पर भी दिख रहा है।
- बर्फीली हवाओं का असर:
उत्तर भारत में बर्फबारी के कारण ठंडी हवाएं एमपी तक पहुंच रही हैं। - कोहरे और पाले का खतरा:
सुबह के समय घने कोहरे की वजह से दृश्यता 50 मीटर तक सीमित हो गई है। पाला गिरने से फसलों को नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। - तापमान में गिरावट:
भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में दिन का तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है।
Mp 21 जिलों में अलर्ट: कौन-कौन से इलाके प्रभावित?
आईएमडी ने एमपी के इन 21 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है:
- अनूपपुर
- बैतूल
- छतरपुर
- दमोह
- डिंडौरी
- मंडला
- पन्ना
- कटनी
- मऊगंज
- मैहर
- नरसिंहपुर
- सिवनी
- छिंदवाड़ा
- पांढुर्णा
- जबलपुर
- शहडोल
- सतना
- रीवा
- सीधी
- सिंगरौली
- उमरिया
इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर ओलावृष्टि का अनुमान है।
फसलों पर असर: किसान सावधान रहें
मौसम में इस बदलाव का सबसे बड़ा असर किसानों पर पड़ सकता है।
- फसलों को नुकसान:
पाला और ओलावृष्टि से रबी फसलों, जैसे गेहूं, चना, सरसों और मसूर की दाल को भारी नुकसान हो सकता है। - मिट्टी की नमी:
बारिश के कारण मिट्टी की नमी बढ़ेगी, जो कुछ फसलों के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन ज्यादा पानी खड़ी फसलों को खराब कर सकता है। - तैयार फसल की कटाई में देरी:
जो फसलें कटाई के लिए तैयार हैं, वे भीगने के कारण खराब हो सकती हैं।
किसानों के लिए सुझाव:
- फसल को पाले और बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक शीट या तिरपाल का इस्तेमाल करें।
- तैयार फसल को तुरंत काटकर सुरक्षित स्थान पर रख लें।
- कृषि विशेषज्ञों से परामर्श लें और फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं।
जन-जीवन पर असर: बढ़ेगी ठंड और परेशानियां
सर्दी का बढ़ेगा प्रकोप:
बारिश और ओलावृष्टि के कारण ठंड और बढ़ सकती है। रात के तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। इससे खासकर बुजुर्गों और बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कोहरे का कहर:
घने कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है। रेलवे और हवाई सेवाओं पर भी इसका असर पड़ सकता है।
पानी की समस्या:
बारिश के बाद ठंड के कारण पानी जम सकता है, जिससे पाइपलाइन ब्लॉकेज और पानी की आपूर्ति में दिक्कतें हो सकती हैं।
आईएमडी की चेतावनी और सलाह
भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने कहा है कि इस बार पश्चिमी विक्षोभ का असर काफी तीव्र है।
- जेट स्ट्रीम हवाएं:
उत्तर भारत के ऊपर 250 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही जेट स्ट्रीम हवाएं मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रही हैं। - मकर संक्रांति तक ठंड:
आईएमडी के अनुसार, मकर संक्रांति (14 जनवरी) तक ठंड का यह दौर जारी रहेगा।
आईएमडी की सलाह:
- जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।
- गर्म कपड़े पहनें और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
- वाहन चलाते समय सावधानी बरतें और कोहरे में फॉग लाइट का इस्तेमाल करें।
- मौसम की ताजा जानकारी के लिए आईएमडी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग करें।
राज्य सरकार की तैयारियां
मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
- आपातकालीन सेवाएं:
राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा है। फसल नुकसान के आकलन के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। - राहत शिविर:
जरूरतमंदों के लिए राहत शिविर लगाए जा रहे हैं। वहां गर्म कपड़े, कंबल और भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
क्या है पश्चिमी विक्षोभ?
पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) एक मौसमी प्रणाली है, जो भूमध्य सागर से उत्पन्न होकर उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश और बर्फबारी का कारण बनती है।
- यह सर्दियों में अधिक सक्रिय रहता है।
- इसके प्रभाव से उत्तर भारत में बर्फीली हवाएं चलती हैं और तापमान गिरता है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर एमपी पर व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है। 21 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि के कारण ठंड बढ़ने के साथ-साथ जन-जीवन और कृषि गतिविधियों पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।
यह समय है कि किसान सतर्क रहें और अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाएं। आम लोगों को भी मौसम के बदलाव के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सरकार व मौसम विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना चाहिए।
तो, आने वाले दिनों में ठंड का यह दौर एमपी के लोगों के लिए चुनौती बन सकता है। सावधानी और तैयारी से इस स्थिति से निपटा जा सकता है।