बैतूल में दिवाली की खुशहाली: जल्द उगलेगी धरती ‘काला सोना’
बैतूल में दिवाली की खुशहाली: जल्द उगलेगी धरती ‘काला सोना’
दिवाली के मौके पर बैतूल वासियों के लिए एक बड़ी और खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने बैतूल में पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन (तेल और प्राकृतिक गैस की खोज) के लिए लाइसेंस जारी किया है, जिससे यह क्षेत्र जल्द ही ‘काला सोना’ उगलने लगेगा। यह खुशखबरी बैतूल के विकास और आर्थिक उन्नति के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो सकती है।
क्या है योजना?
भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत SP-ONHP (CBM) 2021/Area 1771 Sq. km क्षेत्र पर M/S Invenire Petodyne कंपनी को पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी किया गया है। बैतूल जिले की शाहपुर और घोड़ाडोंगरी तहसीलों का लगभग 37,313 हेक्टेयर क्षेत्र इसमें शामिल है।
इस क्षेत्र में अब तक पांच खनन रियायतें स्वीकृत की गई हैं। इन रियायतों के तहत कोल बेस्ड मिथेन (CBM) के लिए काम किया जाएगा, जो तेल और गैस उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
माइनिंग कानक्लेव में बड़ा निवेश
हाल ही में भोपाल में संपन्न हुए माइनिंग कानक्लेव (17-18 अक्टूबर 2024) में बैतूल और छिंदवाड़ा जिलों में कोल बेस्ड मिथेन के लिए 5000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई। इस निवेश से पेट्रोलियम और गैस की खोज का काम और तेज़ी से आगे बढ़ेगा। यह परियोजना आने वाले 2-3 वर्षों में पूरी होने की संभावना है।
क्या है कोल बेस्ड मिथेन (CBM)?
कोल बेस्ड मिथेन (CBM) एक प्रकार की प्राकृतिक गैस है जो कोयले की खानों में पाई जाती है। इसे कोयले की परतों के बीच से निकाला जाता है और फिर इसका उपयोग ऊर्जा उत्पादन, रसोई गैस, और अन्य औद्योगिक कार्यों में किया जाता है। इस तरह के स्रोत से गैस का उत्पादन काफी सस्ता होता है और इसे निकालने की प्रक्रिया भी पर्यावरण के लिए अपेक्षाकृत कम नुकसानदेह होती है।
बैतूल और छिंदवाड़ा को क्या होगा फायदा?
- रोजगार के नए अवसर: पेट्रोलियम और गैस की खोज के लिए बड़े पैमाने पर कार्यबल की आवश्यकता होगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के कई अवसर मिलेंगे।
- आर्थिक विकास: 5000 करोड़ रुपये के निवेश से बैतूल और छिंदवाड़ा में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। नए उद्योगों के आगमन से स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ होगा।
- इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: इस योजना के तहत सड़कों, बिजली, और पानी की आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार होगा। इससे क्षेत्र का संपूर्ण विकास होगा।
- ऊर्जा क्षेत्र में योगदान: भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बैतूल और छिंदवाड़ा का महत्वपूर्ण योगदान होगा। यह क्षेत्र देश के ऊर्जा उत्पादन में नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
पर्यावरण और सामुदायिक प्रभाव
इस परियोजना से जहाँ एक ओर आर्थिक लाभ होंगे, वहीं दूसरी ओर इसके पर्यावरणीय प्रभावों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। पेट्रोलियम और गैस की खोज से मिट्टी, जल और हवा पर संभावित असर हो सकता है। इसलिए, पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए काम किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार और कंपनी को स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके और प्राकृतिक संतुलन भी बना रहे।
अगले कदम
- भूमि अधिग्रहण और सर्वेक्षण: पहला कदम जमीन की पहचान और सर्वेक्षण का होगा। इसके तहत यह देखा जाएगा कि कौन-कौन सी भूमि पेट्रोलियम खोज के लिए उपयुक्त है।
- तकनीकी और वित्तीय योजनाएं: परियोजना के लिए आवश्यक तकनीकी और वित्तीय संसाधनों की योजना बनाई जाएगी।
- स्थानीय सरकार और समुदायों की भागीदारी: इस प्रक्रिया में स्थानीय समुदायों को शामिल करना महत्वपूर्ण होगा ताकि उनकी ज़मीन और संसाधनों का सही उपयोग हो सके और उन्हें इसका लाभ मिल सके।
- शुरुआती खुदाई और परीक्षण: जमीन में खुदाई और परीक्षण के माध्यम से पेट्रोलियम और गैस के भंडारों की पुष्टि की जाएगी।
बैतूल और छिंदवाड़ा जिलों में पेट्रोलियम और कोल बेस्ड मिथेन की खोज एक ऐतिहासिक कदम है जो इन क्षेत्रों के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह योजना न केवल रोजगार और आर्थिक समृद्धि लाएगी, बल्कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नई क्रांति का भी प्रतीक होगी। हालांकि, इसका लाभ उठाने के लिए सरकार और कंपनियों को पर्यावरणीय और सामाजिक जिम्मेदारियों का पूरा ध्यान रखना होगा।