
शराब प्रेमियों के लिए बड़ी खबर अब निर्धारित मूल्य से अधिक पर नहीं बिक सकेगी शराब, कलेक्टर ने आदेश
शराब प्रेमियों के लिए बड़ी खबर अब निर्धारित मूल्य से अधिक पर नहीं बिक सकेगी शराब, कलेक्टर ने आदेश
मध्य प्रदेश का बैतूल जिला एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह है शराब की अवैध बिक्री और उससे जुड़ी बढ़ती शिकायतें। हाल ही में बैतूल के कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने एक अहम बैठक बुलाई और उसमें मौजूद सभी अधिकृत शराब ठेकेदारों और आबकारी विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अब से जिले में शराब की बिक्री सिर्फ सरकार द्वारा तय कीमत पर ही होगी। अगर कोई ठेकेदार तय दर से अधिक कीमत वसूलता है या किसी अन्य जगह से शराब बेचने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से समझेंगे कि यह फैसला क्यों लिया गया, इसका जिले में क्या असर पड़ेगा, अधिकारी इसे कैसे लागू कराएंगे, और आम लोगों को इससे क्या फायदा होगा।
शराब की अधिक कीमतों को लेकर शिकायतों की भरमार
बैतूल जिले में पिछले कुछ महीनों से शराब की अधिक कीमत वसूली को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। कई ग्रामीण इलाकों से सूचना मिली कि दुकानदार शराब की बोतलों पर निर्धारित मूल्य से अधिक पैसा वसूलते हैं। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर बिना लाइसेंस के अवैध रूप से शराब बेची जा रही थी, जिससे न सिर्फ सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा था बल्कि समाज में अपराध और अस्वस्थता भी बढ़ रही थी।
इस पृष्ठभूमि को देखते हुए कलेक्टर ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें जिले के सभी अधिकृत मदिरा विक्रेताओं, आबकारी विभाग के अधिकारी, पुलिस विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों को बुलाया गया।
कलेक्टर के निर्देश: अब सिर्फ तय दर पर ही बिकेगी शराब
बैठक में कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि अब शराब की बिक्री केवल उसी मूल्य पर की जाएगी जो सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। किसी भी सूरत में ग्राहक से अतिरिक्त पैसा नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने आबकारी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक दुकान पर शराब की दर सूची को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाए ताकि ग्राहक जान सकें कि वह जिस शराब को खरीद रहे हैं उसकी असली कीमत क्या है। यदि किसी भी दुकान पर यह सूची चस्पा नहीं पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी और ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी सख्ती: तय दुकानों के अलावा शराब की बिक्री पर रोक
कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अधिकृत दुकानों के अतिरिक्त किसी भी अन्य स्थान पर शराब बेचना पूरी तरह अवैध है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह देखा गया कि कुछ लोग छोटे ढाबों या झोपड़ियों में शराब बेचने लगे हैं, जो पूरी तरह गैरकानूनी है। इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस और आबकारी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमित रूप से जांच करें और दोषियों को पकड़ें।
इसके साथ ही महाराष्ट्र सीमा से अवैध रूप से शराब की तस्करी को भी कलेक्टर ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि सीमा से लगते थाना क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए और यदि कहीं से अवैध शराब आती है, तो उसे तुरंत जब्त किया जाए और दोषियों पर केस दर्ज किया जाए।
पुलिस अधीक्षक ने भी दिए सख्त निर्देश
इस बैठक में बैतूल जिले के पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया भी मौजूद रहे। उन्होंने जिले के सभी एसडीओपी और थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शराब के अवैध कारोबार पर विशेष नजर रखें। उन्होंने कहा कि पुलिस गश्त को बढ़ाया जाए, खासकर उन इलाकों में जहां अवैध बिक्री की आशंका अधिक है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी थाने के क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री की सूचना मिलती है और कार्रवाई नहीं होती है, तो संबंधित अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
आबकारी विभाग की जिम्मेदारी और जवाबदेही
जिला आबकारी अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि वे नियमित रूप से सभी अधिकृत शराब दुकानों की जांच करें। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी ठेकेदार ग्राहक से तय कीमत से ज्यादा पैसे न ले रहा हो। इसके अलावा, आबकारी उपनिरीक्षकों को क्षेत्रीय दौरे पर भेजा जाएगा और वे दुकानों का औचक निरीक्षण करेंगे।
यदि किसी ठेकेदार या दुकान पर निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर शराब बेचने की पुष्टि होती है, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है, उस पर जुर्माना लगाया जाएगा या उसे जेल भेजा जा सकता है।
शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई का आश्वासन
बैठक में स्पष्ट किया गया कि यदि किसी भी व्यक्ति को शराब की अधिक कीमत वसूली या अवैध बिक्री की जानकारी मिलती है, तो वह तुरंत इसकी शिकायत जिला प्रशासन या पुलिस विभाग से कर सकता है। प्रशासन ने लोगों को आश्वस्त किया है कि उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी राजस्व की सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी
यह कदम केवल उपभोक्ताओं के हित की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सरकारी राजस्व की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब शराब अवैध रूप से या तय कीमत से ज्यादा पर बिकती है, तो उससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। साथ ही, यह असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देता है जो नकली शराब बेचने लगते हैं, जिससे लोगों की जान भी जा सकती है।
कलेक्टर के इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि अब शराब कारोबार पूरी तरह से नियमन और पारदर्शिता के दायरे में रहेगा। यह कदम समाज के कमजोर वर्गों के हित में भी है, जो अक्सर अधिक कीमत चुकाकर शराब खरीदते हैं और आर्थिक रूप से और कमजोर हो जाते हैं।
भविष्य में क्या कदम उठाए जा सकते हैं
- शराब दुकानों का जीपीएस आधारित निगरानी
आने वाले समय में शराब दुकानों की निगरानी के लिए तकनीकी उपाय जैसे जीपीएस ट्रैकिंग और सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते हैं। - डिजिटल बिलिंग अनिवार्य
शराब की हर बिक्री पर डिजिटल बिल देना अनिवार्य किया जा सकता है, जिससे कोई भी ज्यादा मूल्य नहीं वसूल सके। - जन-जागरूकता अभियान
प्रशासन द्वारा शराब की निर्धारित कीमतों की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए पोस्टर, रेडियो और सोशल मीडिया का सहारा लिया जा सकता है। - व्हाट्सएप हेल्पलाइन या मोबाइल ऐप
अवैध शराब बिक्री की शिकायत के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप या व्हाट्सएप नंबर शुरू किया जा सकता है, जिस पर आम जनता तुरंत शिकायत दर्ज करा सके।
कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा शराब की निर्धारित कीमत पर बिक्री को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है। इससे न केवल आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि अवैध शराब विक्रेताओं पर लगाम भी लगेगी। पुलिस और आबकारी विभाग के सक्रिय होने से यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में बैतूल जिले में शराब का अवैध व्यापार बंद होगा और समाज में अनुशासन और शांति बनी रहेगी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन द्वारा दिए गए ये निर्देश ज़मीनी स्तर पर कितने प्रभावी साबित होते हैं और आम जनता प्रशासन के इन प्रयासों के साथ किस हद तक सहयोग करती है।