EPF में बड़ा बदलाव,बढ़ेगी पेंशन की राशि, बच्चों को मिलेगा पैसा

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की पेंशन को आकर्षक बनाने के लिए इसमें बड़े बदलाव करने के लिए गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस संबंध में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव है कि EPF पेंशनर की मृत्यु के बाद उसके बच्चों और जीवनसाथी को पेंशन फंड में जमा राशि दी जाए।

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योगदान बढ़ाने का भी विकल्प पर विचार

श्रम मंत्रालय इस प्रस्ताव को EPF सदस्यों को पेंशन योजना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानता है। मंत्रालय लंबी सेवा अवधि के बाद भी कम पेंशन को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रहा है, जिसमें वर्तमान में 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है। EPF के तहत सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए, श्रम मंत्रालय EPS-1995 योजना के तहत सदस्यों को उच्च पेंशन के लिए EPS फंड में अपना योगदान बढ़ाने का विकल्प देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

चिंताओं का समाधान करने की जरूरत

सूत्रों के अनुसार, पेंशन सुधार से संबंधित इन विचार-विमर्श के दौरान, कर्मचारी भविष्य निधि को आकर्षक बनाने के साथ-साथ इसके सदस्यों की चिंताओं का समाधान करने की आवश्यकता का उल्लेख किया गया था। शीर्ष स्तर पर हुई चर्चाओं में स्पष्ट रूप से कहा गया कि बड़ी संख्या में EPF सदस्य इस बात को लेकर भ्रमित हैं कि पेंशन लाभ के बाद पेंशन फंड में जमा उनकी राशि वापस नहीं मिलेगी।

मृत्यु पर मिलेगा परिवार पेंशन

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार का मानना है कि पेंशन कॉर्पस की राशि उसके सदस्यों की है। ऐसे में इस दुविधा को खत्म करने के लिए जरूरी सुधारों के साथ यह स्पष्ट करना होगा कि उन्हें पेंशन फंड में जमा राशि से पेंशन मिलेगी और उनकी मृत्यु के बाद पति या पत्नी को परिवार पेंशन का लाभ मिलेगा। दोनों की मृत्यु के बाद पेंशन फंड की शेष जमा राशि उनके मनोनीत आश्रित बच्चों को दी जाएगी।

न्यूनतम राशि की समीक्षा

मंत्रालय का मानना है कि EPS में इस बड़े बदलाव के बाद इसके सदस्यों का इस पेंशन योजना के प्रति आकर्षण निश्चित रूप से बढ़ेगा। पेंशन को युक्तिसंगत बनाने के विकल्पों के बारे में अधिकारी ने कहा कि श्रम मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन दोनों ही वर्तमान न्यूनतम पेंशन राशि की समीक्षा के पक्षधर हैं।

यह भी आवश्यक महसूस किया जा रहा है कि शीर्ष अदालत के फैसले के संदर्भ में, एक तरफ लोगों को EPF के तहत अधिक पेंशन मिलनी शुरू हो गई है, तो दूसरी तरफ कई लोगों को वर्षों तक काम करने के बाद भी कम पेंशन मिल रही है। ऐसे में लंबी सेवा अवधि को एक कारक बनाना जरूरी है, ताकि इस पेंशन को युक्तिसंगत बनाया जा सके।

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फिलहाल मिल रहा है सिर्फ हजार रुपये पेंशन

वर्तमान में EPF के तहत न्यूनतम पेंशन केवल एक हजार रुपये प्रति माह है और सुधारों के तहत इसकी समीक्षा करते हुए इसे काफी बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। हालांकि न्यूनतम मासिक पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी, इसका अभी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन मंत्रालय से मिले संकेतों के मुताबिक इसे सम्मानजनक बनाने पर विचार किया जा रहा है।

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