
गेंहू की बंपर पैदावार के लिए कौन सा रसायनिक खाद कब और कितना डालना चाहिए? पढ़ें पूरी और सटीक जानकारी
गेंहू की बंपर पैदावार के लिए कौन सा रसायनिक खाद कब और कितना डालना चाहिए? पढ़ें पूरी और सटीक जानकारी
भारत में गेहूं किसानों के लिए अच्छी पैदावार एक बड़ी उम्मीद होती है। मौसम अनुकूल हो, सिंचाई सही समय पर हो और सबसे महत्वपूर्ण – खाद का संतुलित उपयोग, तो किसान भाई कम खर्च में भी बंपर उत्पादन ले सकते हैं। आज की इस विस्तृत रिपोर्ट में हम समझेंगे कि गेहूं की फसल में किस समय कौन सा खाद, कितनी मात्रा में और क्यों डालना चाहिए, जिससे पैदावार में 20–25% तक वृद्धि की जा सके।
यह लेख पूरी तरह खेती विशेषज्ञों के अनुभव, कृषि विज्ञान केंद्रों की गाइडलाइंस और किसानों के वास्तविक अनुभवों पर आधारित है।
गेहूं में खाद देने का सही समय क्यों महत्वपूर्ण है?
किसी भी फसल की सफलता उसकी शुरुआत से ही तय हो जाती है। गेहूं एक ऐसी फसल है जिसमें शुरुआती 40–45 दिनों तक सही पोषक तत्व मिलने पर –
- कल्ले अधिक निकलते हैं
- पौधे मजबूत बनते हैं
- जड़ें गहरी जाती हैं
- दाने मोटे और भरे हुए होते हैं
- कुल पैदावार में भारी वृद्धि होती है
यदि खाद का उपयोग गलत समय पर किया जाए, बहुत ज्यादा या बहुत कम मात्रा में डाला जाए, या एक ही पोषक तत्व का ज्यादा उपयोग हो जाए तो उत्पादन कम हो सकता है।
इसलिए, सही समय पर सही खाद देना अनिवार्य है।
1. गेहूं में पहला पानी कब देना चाहिए?
पानी और खाद – दोनों का सही समय गेहूं की पैदावार में मुख्य भूमिका निभाते हैं। पहला पानी कब देना है, यह मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करता है।
(A) बलुई या हल्की मिट्टी में — 18 से 20 दिन पर
हल्की मिट्टी में पानी जल्दी सूख जाता है। यदि गेहूं को पहले पानी में देर हुई, तो कल्ले (फुटाव) कम निकलते हैं।
(B) मध्यम/दोमट मिट्टी में — 21 से 25 दिन पर
दोमट मिट्टी में नमी कुछ दिनों तक बनी रहती है, इसलिए यहाँ सामान्यतः 22–25 दिन पर सिंचाई उचित रहती है।
(C) भारी मिट्टी में — 30 से 32 दिन पर
काली मिट्टी या भारी चिकनी मिट्टी में नमी बनी रहती है, इसलिए यहाँ जल्दी पानी देने से पौधे कमज़ोर हो सकते हैं।
2. पहला पानी चलाने से पहले पौधे की जांच कैसे करें?
कई किसान सिर्फ दिन गिनकर सिंचाई कर देते हैं, लेकिन वैज्ञानिक तरीका यह है कि एक पौधा उखाड़कर देखें।
यदि पौधे में:
- मुकुट जड़ें (Crown Roots) निकल रही हों
- जड़ें फैली हुई दिखें
- पौधा मजबूत दिखे
तो यह पहला पानी देने का संकेत है।
यही वह अवस्था है जब कल्लों का विकास शुरू होता है और खाद का प्रभाव सबसे तेज़ पड़ता है।
3. पहला पानी देते समय कौन सा रासायनिक खाद डालें?
(A) यूरिया – 35 से 45 किलो प्रति एकड़
यूरिया नाइट्रोजन का सबसे सस्ता स्रोत है और गेहूं के फुटाव बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण है।
सही मात्रा:
- हल्की मिट्टी में: 40–45 किलो प्रति एकड़
- भारी मिट्टी में: 35–40 किलो प्रति एकड़
क्यों ज़रूरी है?
क्योंकि गेहूं की बढ़वार शुरू होने का यही समय है। यदि इस समय नाइट्रोजन की कमी हुई तो कल्ले बहुत कम निकलेंगे।
(B) जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate)
फसल में जिंक की कमी होने पर पीलापन आना, पत्तियों का पीला-सफेद होना और बढ़वार रुकना आम समस्या है।
पहले पानी के समय डालें:
- 33% वाला जिंक सल्फेट — 5 से 7 किलो प्रति एकड़
या - 21% वाला जिंक सल्फेट — 8 से 10 किलो प्रति एकड़
क्यों ज़रूरी है?
क्योंकि अधिकतर खेतों में किसान फास्फोरस (DAP) का अधिक प्रयोग करते हैं, जिससे जिंक की कमी हो जाती है।
(C) Seaweed Fertilizer – 1 किलो प्रति एकड़
सीवीड में प्राकृतिक हार्मोन जैसे ऑक्सिन और साइटोकाइनिन पाए जाते हैं, जो जड़ें और कल्ले तेजी से बढ़ाते हैं।
इसका असर:
- कल्ले 15–25% अधिक निकलते हैं
- जड़ें लंबी और मजबूत बनती हैं
- पौधा ठंड सहन करने में सक्षम होता है
यह सस्ता भी है और प्रभावी भी।
4. 100% जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए सर्वोत्तम तरीका
जो किसान बिना रसायनिक खाद के खेती कर रहे हैं, उनके लिए एक बेहद प्रभावी जैविक कल्चर नीचे बताई गई विधि से तैयार किया जा सकता है।
200 लीटर पानी में मिश्रण तैयार करें:
- सरसों की खली — 15 किलो
(या पुराने गोबर के कंडे — 20–25 किलो) - गुड़ — 2 किलो
- छाछ — 5 लीटर
- सीवीड — 1 किलो
- फुलविक एसिड — 1 किलो
इसे 7 दिनों तक फर्मेंट होने दें
इसके बाद पहला पानी चलाते समय इस पूरे मिश्रण को सिंचाई के साथ खेत में छोड़ें।
इसका असर:
- कल्ले 25–30% ज्यादा निकलते हैं
- पौधा मजबूत बनता है
- मिट्टी में लाभदायक जीवाणु बढ़ते हैं
- रासायनिक खाद की जरूरत कम हो जाती है
यह तरीका जैविक खेती में गेहूं की पैदावार बढ़ाने का सबसे सफल तरीका माना जाता है।
5. गेहूं में दूसरे पानी पर खाद प्रबंधन
दूसरा पानी आमतौर पर 40–45 दिन पर आता है।
इस समय खाद की जरूरत क्यों पड़ती है?
क्योंकि पौधे की बढ़वार तेज होती है और दाने भरने की नींव इसी समय पर बनती है।
कौन सा खाद डालें?
(A) यूरिया – 15 से 20 किलो प्रति एकड़
पहले पानी में अधिक यूरिया डालने से दूसरे पानी में कम मात्रा पर्याप्त होती है।
(B) सल्फर – 10 किलो प्रति एकड़
सल्फर दाने को भरता है, प्रोटीन बढ़ाता है और रोगों से बचाव करता है।
(C) बोरोन – 1 किलो प्रति एकड़
बोरोन दानों की क्वालिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
6. अंतिम सिंचाई पर क्या करें?
दाने भरने के समय, यानी 70–75 दिन पर एक हल्का स्प्रे या खाद उपयोग पैदावार बढ़ा सकता है।
1. 19-19-19 (एनपीके स्प्रे) — 1 किलो प्रति एकड़
यह दानों को भरने में मदद करता है।
2. अमीनो एसिड + फुलविक एसिड — 250 ग्राम
पौधा तनाव (ठंड, हवा, कोहरा) से बच जाता है।
इसके अलावा इस अवस्था पर कोई भारी खाद नहीं डालनी चाहिए।
7. गेहूं में कुल खाद प्रबंधन (पूरी योजना)
नीचे एक पूरी खाद अनुसूची दी गई है, जिससे किसान आसानी से अपनी खेती की योजना बना सकते हैं।
(A) बुवाई के समय
- DAP – 50 किलो प्रति एकड़
- पोटाश – 10 से 20 किलो प्रति एकड़
(B) पहला पानी (20–30 दिन)
- यूरिया – 35 से 45 किलो
- जिंक सल्फेट – 5 से 7 किलो (33%)
- सीवीड – 1 किलो
(C) दूसरा पानी (40–45 दिन)
- यूरिया – 15 से 20 किलो
- सल्फर – 10 किलो
- बोरोन – 1 किलो
(D) दाना बनने का समय (70 दिन)
- 19-19-19 – 1 किलो स्प्रे
- फुलविक + अमीनो एसिड – 250 ग्राम
8. गलतियाँ जो किसानों को नहीं करनी चाहिए
- पहले पानी में देरी
– यह पैदावार 30% तक कम कर सकती है। - यूरिया का अत्यधिक उपयोग
– पौधा हरा तो दिखेगा, पर कल्ले नहीं निकलेंगे। - जिंक न डालना
– यह आज के समय सबसे आम गलती है। - अधिक डीएपी का उपयोग
– यह जिंक को ब्लॉक कर देता है। - ठंडी हवाओं में स्प्रे करना
– पौधा जल सकता है। - पानी खड़ा रखना
– गेहूं में हमेशा नमी चाहिए, पानी खड़ा नहीं।
9. गेहूं में पैदावार बढ़ाने के स्मार्ट तरीके
(1) गहरी जुताई
मिट्टी में कीट और रोग कम होते हैं।
(2) प्रमाणित बीज का उपयोग
गुणवत्ता सीधे उत्पादन पर असर डालती है।
(3) समय पर सिंचाई
20%, 40%, 70%—इन्हीं तीन अवस्थाओं पर पानी सबसे जरूरी है।
(4) संतुलित खाद
नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स सभी जरूरी हैं।
(5) खरपतवार नियंत्रण
पहले 30 दिन पर खरपतवार पूरी फसल की खाद खा जाते हैं।
निष्कर्ष
यदि एक किसान नीचे दिए तीन नियमों का पालन करे, तो वह निश्चित रूप से गेहूं में बंपर उत्पादन ले सकता है:
- पहले पानी का सही समय पहचानें
- पहले पानी के साथ यूरिया + जिंक + सीवीड अवश्य डालें
- दूसरे पानी पर हल्की खाद और अंतिम अवस्था पर हल्का स्प्रे करें
इसके अलावा जैविक खेती करने वाले किसान बताए गए फर्मेंटेड जैविक घोल का उपयोग करके समान या उससे अधिक उत्पादन ले सकते हैं।
सही ज्ञान, सही समय और सही खाद – यही गेहूं की बंपर पैदावार की सबसे सच्ची कुंजी है।









