gehun bhav: गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट का अनुमान जानिए मौजूदा भाव और कारण
gehun bhav: पिछले कुछ दिनों से देशभर में गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रिकॉर्ड स्तर को छू रही गेहूं की कीमतों में अब कमी आने की पूरी संभावना है। इससे लोगों को काफी सस्ते दामों पर गेहूं खरीदने को मिलेगा और बाजार में भी गेहूं की कीमतें कम होंगी। आइए विस्तार से जानते हैं आने वाले समय में गेहूं के दामों में गिरावट के कारण और वर्तमान कीमतों के बारे में।
यह भी पढ़िए :- Betul Mandi Bhav: गेहूं ₹2900 पार चने के भाव बढे देखे 4 दिसंबर बैतूल मंडी भाव
दिसंबर की शुरुआत से पहले ही गेहूं की कीमतों में रोजाना बंपर बढ़ोतरी हो रही थी। इस बढ़ोतरी को देखकर उम्मीद की जा रही थी कि दिसंबर में गेहूं के रेट और भी ज्यादा बढ़ेंगे, लेकिन रेट में तेज गिरावट की स्थिति बन रही है। कुछ दिनों बाद जो गेहूं के दाम ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं, वो जमीन पर आ सकते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। एक कारण ये है कि पिछले कुछ दिनों से गेहूं की कीमतें बेकाबू हो गई थीं और आटा उपभोक्ताओं के लिए महंगा हो रहा था और व्यापारियों पर दबाव था कि वो बाजार में मांग के हिसाब से सप्लाई न करें। इसे देखते हुए सरकार ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत बाजार में गेहूं उतारने जा रही है।
अब सरकार लेगी ये फैसला –
हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार गेहूं के रेट को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठा रही है। जिसके तहत सरकार जल्द ही ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) शुरू करने जा रही है। व्यापारी भी इस योजना का इंतजार कर रहे थे। योजना के तहत सरकार ई-नीलामी शुरू करेगी, जिससे गेहूं की सप्लाई बढ़ेगी। इसके लिए सरकारी गोदामों से गेहूं आना शुरू हो जाएगा। सरकार की तरफ से भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) ई-नीलामी के तहत 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री शुरू कर सकता है। इसमें गेहूं सिर्फ आटा मिलों, गेहूं उत्पाद बनाने वालों, प्रोसेसिंग यूनिट्स को बेचा जाएगा। आम लोग इस गेहूं को नहीं खरीद पाएंगे।
इस रेट पर बेचा जाएगा गेहूं –
OMSS के तहत बाजार में उतारे जाने वाले गेहूं की कीमत की बात करें तो सरकार इसे सस्ता बेचेगी ताकि खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जा सके। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने अपनी नई नीति शुरू कर दी है। इसके तहत गेहूं 2325 रुपये के रेट पर बेचा जाएगा। आपको बता दें कि इस बार ये रेट सरकार ने रिजर्व किया है। अगली नई फसल मार्च के बाद ही आने की उम्मीद है इसलिए 31 मार्च 2025 तक रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 में 2300 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर गेहूं (URS) की नीलामी होने की उम्मीद है। ये गेहूं सिर्फ प्राइवेट प्लेयर्स को बेचा जाएगा।
राज्य एजेंसियों के पास है काफी गेहूं –
अगर सरकारी आंकड़ों को देखें तो भारतीय खाद्य निगम के साथ राज्य एजेंसियों के पास 31 अक्टूबर 2024 तक गेहूं का काफी स्टॉक है। फिलहाल सरकार के पास करीब 222.65 लाख टन गेहूं का स्टॉक है। खाद्यान्न स्टॉक मानक के मुताबिक एजेंसियों के पास गेहूं की सप्लाई के लिए 205.20 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक होना चाहिए। अगर इससे ज्यादा गेहूं मिलता है तो अब इस स्टॉक में से 25 लाख टन गेहूं को बफर स्टॉक से ओपन मार्केट में छोड़ा जाएगा। इसके मुताबिक इसके बाद भी बफर स्टॉक में 197 लाख टन से ज्यादा गेहूं बचेगा। इसलिए गेहूं की कमी की कोई संभावना नहीं है।
इन राज्यों में इस दाम पर बिक रहा है गेहूं –
अगर गेहूं की ताजा कीमत की बात करें तो फिलहाल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात और गोवा की कई मंडियों में गेहूं की अधिकतम थोक कीमत करीब 5810 रुपये है। गेहूं की ये कीमत एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल से दोगुनी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मंडियों में गेहूं की कीमत 32 रुपये प्रति किलो है। वहीं अगर अधिकतम रेट की बात करें तो गेहूं की कीमत 58 रुपये किलो है। कई राज्यों में ये 60 रुपये किलो के आसपास भी है। दक्षिण भारत में गेहूं के रेट ज्यादा हैं।
उत्तर प्रदेश में इस दाम पर बिक रहा है गेहूं –
देश में सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। यहां से दूसरे राज्यों को भी गेहूं की सप्लाई होती है। अगर उत्तर प्रदेश में गेहूं की थोक कीमत की बात करें तो ये करीब 30 रुपये प्रति किलो है। फिलहाल दिल्ली में गेहूं 33 रुपये प्रति किलो के रेट पर बिक रहा है। जिसके हिसाब से यहां गेहूं का रेट करीब 3120 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। गुजरात में गेहूं 30-32 रुपये प्रति किलो है। महाराष्ट्र में गेहूं की औसत कीमत 38 रुपये प्रति किलो है। अगर गेहूं की सबसे ज्यादा कीमत की बात करें तो ये 55 रुपये किलो है जो गोवा में बिक रहा है।
यह भी पढ़िए :- SIP Investment: SIP का जबरदस्त प्लान, 60 साल के बिना इन्तजार बन जायेगे करोड़पति देखे
पिछले महीने मुंबई में गेहूं के दाम इस स्तर पर पहुंच गए थे –
नवंबर में महाराष्ट्र के मुंबई में गेहूं का अधिकतम थोक रेट 6010 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था। जो एमएसपी यानी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से करीब 64 प्रतिशत ज्यादा है। इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल है, जिसमें केंद्र सरकार ने हाल ही में 150 रुपये की बढ़ोतरी की है। इससे गेहूं के खुदरा और थोक रेटों में उछाल आया।