गेहूं और चने की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी, जानें आज के ताज़ा मंडी भाव

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गेहूं और चने की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी, जानें आज के ताज़ा मंडी भाव

आजकल कृषि उत्पादों की कीमतें बाजार में लगातार चर्चा का विषय बनी हुई हैं। खासकर गेहूं और चने की कीमतें अपने तेज़ी के रथ पर सवार होकर बढ़ रही हैं। गेहूं और चने की बढ़ती कीमतें किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए चिंता और अवसर का मिश्रण लेकर आई हैं। आज के इस लेख में हम देश की विभिन्न मंडियों के ताज़ा भाव और आवक के आंकड़ों पर नज़र डालेंगे। साथ ही, इन बदलावों के पीछे के कारणों को भी समझने की कोशिश करेंगे।


इंदौर संयोगितागंज मंडी भाव

इंदौर की संयोगितागंज मंडी में गेहूं और चने के ताज़ा भाव इस प्रकार हैं:

  • गेहूं: 2700 से 3312 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: लगभग 850 क्विंटल।
  • चना काबुली: 8000 से 11980 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: लगभग 2000 क्विंटल।
  • चना देसी: 5465 से 6400 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: 128 क्विंटल।

इसके अलावा, अन्य प्रमुख फसलों के भाव भी तेजी में हैं, जैसे सोयाबीन और मक्का। सोयाबीन का भाव 3750 से 4335 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है।


इंदौर लक्ष्मीबाई नगर मंडी भाव

इंदौर की लक्ष्मीबाई नगर मंडी में भी फसलों की कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं:

  • सोयाबीन: 3650 से 5015 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: 4012 क्विंटल।
  • गेहूं: 2795 से 3261 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: 248 क्विंटल।

अन्य प्रमुख मंडियों के भाव

पिपरिया मंडी

  • चना: 5500 से 6400 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: 500 बोरी।

गोटेगांव मंडी

  • चना: 5450 से 5900 रुपये प्रति क्विंटल।

सुमेरपुर मंडी

  • चना: 6000 से 6100 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: 200 बोरी।

विदिशा मंडी

  • चना: 5800 से 6350 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: 800 बोरी।

दमोह मंडी

  • चना: 5650 से 6250 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: 900 बोरी।

जयपुर मंडी

  • चना: 6700 से 6750 रुपये प्रति क्विंटल।

रायपुर मंडी

  • चना: 6200 से 6400 रुपये प्रति क्विंटल।
    • आवक: 3000 बोरी।

चने और गेहूं की कीमतों में तेज़ी के पीछे क्या हैं कारण?

  1. कम उत्पादन:
    इस साल कई जगह मौसम की अनियमितता के कारण फसल का उत्पादन कम हुआ है। इसका सीधा असर फसलों की कीमतों पर पड़ा है।
  2. बढ़ती मांग:
    गेहूं और चना दोनों ही प्रमुख फसलें हैं, जिनका उपयोग आटे, बेसन और अन्य खाद्य पदार्थों में किया जाता है। घरेलू और निर्यात दोनों स्तरों पर इनकी मांग बढ़ी है।
  3. स्टॉक का संकट:
    मंडियों में फसलों की आवक कम हो रही है। इससे व्यापारी अधिक कीमत देने को मजबूर हो रहे हैं।

किसानों और व्यापारियों के लिए अवसर

गेहूं और चने की बढ़ती कीमतें किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकती हैं। अधिक कीमत मिलने से उनकी आय में वृद्धि होगी। वहीं, व्यापारियों के लिए यह समय सावधानीपूर्वक स्टॉक खरीदने और बेचने का है, ताकि मुनाफा सुनिश्चित हो सके।


क्या कहती हैं भविष्यवाणियां?

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में कीमतें और बढ़ सकती हैं। सरकार द्वारा किसी प्रकार की पॉलिसी हस्तक्षेप के बिना कीमतों पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है।


गेहूं और चने की कीमतों में आई तेजी ने जहां किसानों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी है, वहीं आम उपभोक्ताओं के लिए यह महंगाई की मार है। वर्तमान स्थिति में हर किसी के लिए यह समझना जरूरी है कि बाजार के रुझान को ध्यान में रखते हुए सही समय पर सही निर्णय लिया जाए।

आपको यह जानकारी कैसी लगी? अपने विचार और सुझाव हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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