Guest Teacher Recruitment 2025: अतिथि शिक्षकों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर संकट

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Guest Teacher Recruitment 2025: अतिथि शिक्षकों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर संकट

मध्य प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा राज्य के अतिथि शिक्षकों के लिए एक बार फिर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की शुरुआत की गई है। यह प्रक्रिया एमपी एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य सत्र 2025-26 के लिए अतिथि शिक्षकों का पंजीयन, दस्तावेज अपलोड और उनका सत्यापन करना है। लेकिन इस पूरी व्यवस्था में ऐसी कई खामियां सामने आ रही हैं, जिससे शिक्षकों में नाराज़गी का माहौल बन गया है।

क्या है अतिथि शिक्षक पंजीयन की वर्तमान स्थिति?

वर्तमान में जो प्रक्रिया एमपी एजुकेशन पोर्टल 3.0 के जरिए चलाई जा रही है, वह पुराने GFMS पोर्टल से बिल्कुल अलग है। पहले सभी शिक्षकों की जानकारी, वरिष्ठता, कार्यानुभव आदि विवरण GFMS पोर्टल पर मौजूद थी। इस बार सभी शिक्षकों को फिर से नए सिरे से पंजीयन करने के लिए कहा गया है, जिसमें उन्हें अपनी सारी जानकारी फिर से भरनी है, सभी दस्तावेज अपलोड करने हैं और नये सिरे से सत्यापन भी कराना है।

यह कार्य ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है और बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक इस प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन जब उन्होंने पोर्टल पर जाकर जानकारी भरने की कोशिश की, तब उन्हें अनेक तकनीकी और प्रशासनिक खामियों का सामना करना पड़ा।

क्या हैं पोर्टल 3.0 की मुख्य खामियां?

  1. आवेदक के माता-पिता का नाम नहीं दिख रहा है – कई शिक्षकों ने बताया है कि पोर्टल पर उनका या उनके माता-पिता का नाम अधूरा या पूरी तरह से नदारद दिख रहा है।
  2. वैवाहिक स्थिति की जानकारी गायब – विवाहित और अविवाहित शिक्षकों की स्थिति को पोर्टल पर दर्ज करने का विकल्प नहीं दिया गया है।
  3. जन्मतिथि प्रदर्शित नहीं हो रही – किसी भी शिक्षक की जन्मतिथि ठीक से दर्ज नहीं हो पा रही, जिससे पहचान और दस्तावेजों की जांच में दिक्कतें आ रही हैं।
  4. जिला, ब्लॉक, संकुल और पिछली संस्था की जानकारी अधूरी – पोर्टल पर यह नहीं बताया जा रहा कि शिक्षक पहले किस ब्लॉक में पदस्थ थे, किस स्कूल में कार्यरत थे, और किस विषय में पढ़ा रहे थे।
  5. अनुभव और वरिष्ठता से संबंधित अंकों की गणना नहीं हो रही – यह सबसे बड़ी खामी है। GFMS पोर्टल पर पहले से मौजूद अनुभव को आधार मानते हुए शिक्षकों को वरिष्ठता के अंक दिए जाते थे। इस बार उस पूरी जानकारी को नजरअंदाज किया जा रहा है।

क्यों उठ रही है प्रक्रिया बंद करने की मांग?

इन खामियों को लेकर राज्य के विभिन्न अतिथि शिक्षक संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है। आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ मध्य प्रदेश ने एक प्रेस नोट जारी करके कहा है कि यह प्रक्रिया शिक्षकों के साथ अन्याय है। उनके अनुसार यदि सरकार के पास पहले से ही GFMS पोर्टल पर शिक्षकों की पूरी जानकारी मौजूद है तो दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की क्या आवश्यकता है।

संघ का कहना है कि:

  • यह सिर्फ शिक्षकों के समय और संसाधनों की बर्बादी है।
  • तकनीकी खामियों की वजह से सही जानकारी दर्ज नहीं हो पा रही है, जिससे भविष्य में चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी हो सकती है।
  • जिन शिक्षकों को लंबे समय से सेवा का अनुभव है, उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज करना एक गंभीर चूक है।
  • कई शिक्षक ग्रामीण इलाकों से आते हैं जहां इंटरनेट की सुविधा सीमित है, जिससे उन्हें दस्तावेज अपलोड करने में दिक्कत हो रही है।

क्या कहते हैं अतिथि शिक्षक?

कई शिक्षकों ने बताया कि वह पिछले 5-10 वर्षों से अतिथि शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं और उन्होंने हमेशा समय पर स्कूलों में योगदान दिया है। उनके अनुसार वह हर साल पंजीयन, सत्यापन आदि प्रक्रिया से गुजरते रहे हैं और अब फिर से सब कुछ नए सिरे से करना भारी है।

एक शिक्षक ने बताया, “हम लोग जून में स्कूल खुलने के इंतजार में हैं। इसी बीच यह पोर्टल दोबारा रजिस्ट्रेशन करने को कह रहा है। लेकिन जब हम पोर्टल खोलते हैं तो सारी जानकारी अधूरी होती है। अगर हमने कोई गलती से जानकारी गलत दर्ज कर दी तो भविष्य में हमें ही दोषी ठहराया जाएगा।”

क्या है शिक्षकों की मांग?

शिक्षकों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  • एमपी एजुकेशन पोर्टल 3.0 की वर्तमान पंजीयन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।
  • GFMS पोर्टल पर पहले से मौजूद पंजीयन और सेवा से संबंधित जानकारी को नए पोर्टल पर स्वतः स्थानांतरित किया जाए।
  • वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर शिक्षकों की सूची तैयार की जाए, जैसा कि पहले किया जाता था।
  • तकनीकी खामियों को ठीक किए बिना किसी भी प्रकार की नई प्रक्रिया शुरू न की जाए।
  • यदि किसी भी प्रकार का दस्तावेज सत्यापन आवश्यक हो, तो उसे ब्लॉक स्तर पर ऑफलाइन माध्यम से भी स्वीकार किया जाए ताकि दूरस्थ क्षेत्रों के शिक्षकों को राहत मिल सके।

क्या है सरकार की प्रतिक्रिया?

अब तक सरकार या स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से इस मांग पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। लेकिन यह स्पष्ट है कि यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया तो यह मुद्दा और भी गंभीर रूप ले सकता है। हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षक इस प्रक्रिया से प्रभावित हो रहे हैं और उनके भविष्य पर सीधा असर पड़ सकता है।

क्या है अतिथि शिक्षकों की भूमिका और ज़रूरत?

यह समझना ज़रूरी है कि अतिथि शिक्षक राज्य के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं। जब भी किसी नियमित शिक्षक की नियुक्ति नहीं होती, या कोई पद रिक्त रहता है, तब इन अतिथि शिक्षकों की मदद से स्कूलों में पढ़ाई जारी रहती है। शिक्षा विभाग का पूरा ढांचा इन शिक्षकों की सेवाओं पर निर्भर करता है।

ऐसे में यदि उन्हीं शिक्षकों को बार-बार परेशान किया जाए, या उनके अनुभव को नजरअंदाज कर दिया जाए, तो इससे शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ेगा।

मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों का रजिस्ट्रेशन इस समय एक बड़ी समस्या बन गया है। शिक्षकों की मांग है कि GFMS पोर्टल की जानकारी का ही उपयोग करके प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। यदि तकनीकी खामियों को दूर किए बिना यह प्रक्रिया जारी रहती है, तो इससे हजारों शिक्षकों के भविष्य पर संकट खड़ा हो सकता है।

यह ज़रूरी है कि शासन इस विषय पर गंभीरता से विचार करे और जल्द ही एक संतुलित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त समाधान प्रदान करे जिससे शिक्षकों की मेहनत और अनुभव का सम्मान हो सके।

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