आलू की खेती बनी लाखो कमाई का जरिया,बदल गयी किसान की किस्मत
उत्तर प्रदेश के एक किसान ने आलू की खेती में ऐसी खासियत ढूंढ निकाली है, जिससे छोटे आलू के कारण परेशान होने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है। इस किसान ने “कुफरी मोहन” नामक खास किस्म के आलू उगाकर अच्छा मुनाफा कमाया है। इस किस्म की खासियत है कि इसके आलू बड़े और गोल होते हैं, जिससे बाजार में उनकी मांग अधिक रहती है और किसानों को अच्छी कीमत मिलती है। बस खेतों की सही देखभाल करना ज़रूरी है।
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किसान ने कैसे शुरू की आलू की खेती?
यह किसान आलू की खेती में माहिर है और पिछले कई वर्षों से इसमें निपुणता हासिल कर रहा है। हर साल वह अपनी खेती में कुछ बदलाव करता है ताकि पैदावार बढ़े। पिछले दो वर्षों से वह दो खास किस्मों – “कुफरी मोहन” और “कुफरी आनंद” – की खेती कर रहा है। इन किस्मों की खासियत यह है कि इनमें पैदावार अधिक होती है और आलू का आकार भी बड़ा होता है। बड़े आलू का वजन अधिक होता है, जिससे बाजार में उनकी कीमत भी अच्छी मिलती है और मुनाफा बढ़ता है।
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आलू की खेती में ध्यान देने वाली बातें
- बुवाई का समय: आलू की पहली बुवाई का सबसे उपयुक्त समय 15 से 25 सितंबर के बीच है, जबकि आखिरी बुवाई के लिए 15 से 25 अक्टूबर सबसे सही है। कुछ किसान देर से बुवाई 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच भी करते हैं।
- मिट्टी का चयन: आलू की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी में जैविक पदार्थ की अच्छी मात्रा होनी चाहिए।
- जल निकासी: खेत में जल निकासी की व्यवस्था सही होनी चाहिए।
- मिट्टी का pH स्तर: मिट्टी का pH स्तर 5.2 से 6.4 के बीच होना चाहिए।
इन बातों का ध्यान रखकर किसान अच्छी पैदावार और मुनाफा कमा सकते हैं।