किसानो की जानी दुश्मन है ये जंगली घास, जल्दी जान ले जड़ से खत्म करने का तरीका

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

गाजर घास, जो खेतों और बंजर जमीन पर उगती है, एक आक्रामक खरपतवार है। यह घास कृषि, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। इसे किसानों की दुश्मन घास भी कहा जाता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यह घास 1950 के दशक में गेंहू के साथ भारत आई थी और बहुत तेज़ी से फैलती है।

यह भी पढ़िए :- Free Boring Scheme: किसानो को बोरवेल खुदाई के लिए पैसा दे रही सरकार,ऐसे करे आवेदन

फसलों और पर्यावरण पर असर

कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि गाजर घास फसलों के बीच उगती है और उनकी पोषक तत्वों को चुरा लेती है, जिससे फसल उत्पादन कम हो जाता है। इसके अलावा, यह मिट्टी की उर्वरता घटाती है और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाती है। इंसानों के संपर्क में आने पर यह एलर्जी, त्वचा रोग, सांस की समस्याएं और बुखार जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।

यह भी पढ़िए :- गेहूं की पहली सिंचाई से पहले जान लें ये जरूरी बातें, फसल पर असर देख मान लोगे गुरुमंत्र

गाजर घास को नियंत्रित करने के तरीके

  1. गर्मी में गहरी जुताई
    रबी फसल लेने के बाद खाली खेतों में गहरी गर्मी की जुताई करें।
  2. मेक्सिकन बीटल का इस्तेमाल
    गाजर घास की पत्तियां खाने वाले दुश्मन कीट ‘मेक्सिकन बीटल’ को छोड़ें।
  3. जड़ से उखाड़ें
    फूल आने से पहले गाजर घास को जड़ से उखाड़ें।
  4. कंपोस्ट और वर्मी कंपोस्ट में उपयोग करें
    उखाड़ी गई घास का इस्तेमाल जैविक खाद बनाने में करें।
  5. वीडिसाइड का छिड़काव
    • घास वाली फसलों में 3 से 5 ग्राम मेट्रिबुजिन को 1 लीटर पानी में मिलाकर बुवाई के 25-35 दिन बाद छिड़काव करें।
    • खाली और बंजर जमीन पर 10 से 15 मिली ग्लाइफोसेट को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

इन तरीकों को अपनाकर किसान गाजर घास से छुटकारा पा सकते हैं और अपनी फसलों और जमीन की रक्षा कर सकते हैं।

Leave a Comment