MP Atithi Shikshak: मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए दिवाली की बड़ी खुशखबरी, तीन महीने की सैलरी एक साथ
MP Atithi Shikshak: मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए दिवाली की बड़ी खुशखबरी, तीन महीने की सैलरी एक साथ
दिवाली का पर्व नजदीक है और इस बार मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए यह त्योहार खास बन गया है। राज्य सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षकों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। सरकार ने उनकी तीन महीने की रुकी हुई सैलरी का भुगतान करने का आदेश जारी कर दिया है। यह खबर उन अतिथि शिक्षकों के लिए किसी दिवाली बोनस से कम नहीं है, जो लंबे समय से अपने वेतन के लिए संघर्ष कर रहे थे।
MP Atithi Shikshak तीन महीने से रुकी थी सैलरी
मध्यप्रदेश में कई अतिथि शिक्षक अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2024 की सैलरी न मिलने के कारण परेशान थे। तीन महीने से वेतन न मिलने की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था। कई शिक्षक अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मुश्किलों का सामना कर रहे थे, और कुछ को तो उधार लेकर जीवनयापन करना पड़ रहा था।
लेकिन अब राज्य सरकार ने उनकी तीन महीने की रुकी हुई सैलरी को एक साथ जारी करने का निर्णय लिया है। इस आदेश के बाद, दिवाली से पहले सभी अतिथि शिक्षकों को उनकी अगस्त, सितंबर और अक्टूबर की सैलरी मिलने की उम्मीद है।
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राज्य सरकार का फैसला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में सरकार ने यह फैसला लिया कि दिवाली से पहले सभी कर्मचारियों और शिक्षकों को उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। इसके तहत अतिथि शिक्षकों के लिए 211 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस बजट से प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के तहत आने वाले अतिथि शिक्षकों की तीन महीने की सैलरी दी जाएगी।
इस निर्णय के बाद, स्कूल शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण संचालनालय ने आदेश जारी कर दिए हैं कि सभी अतिथि शिक्षकों को दीपावली से पहले उनकी सैलरी मिल जानी चाहिए। यह खबर सामने आते ही शिक्षकों में एक नई ऊर्जा और उत्साह देखने को मिला है।
अतिथि शिक्षकों की नाराजगी
अतिथि शिक्षक, जिन्हें पहले से ही अस्थाई और कम वेतनमान पर काम करना पड़ता है, पिछले तीन महीने से वेतन न मिलने के कारण काफी नाराज थे। उनकी नाराजगी इस बात से थी कि नियमित शिक्षकों को समय पर सैलरी मिल जाती है, जबकि उन्हें अपने मेहनताने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
अतिथि शिक्षकों ने सरकार से कई बार वेतन भुगतान की मांग की थी, लेकिन उनकी आवाज़ को लंबे समय तक अनसुना किया गया। इस बीच, मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा ने शिक्षकों के बीच उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन वेतन कब मिलेगा इस पर कोई स्पष्टता नहीं थी।
दिवाली से पहले खुशी का पैगाम
सरकार की घोषणा के बाद, अब अतिथि शिक्षक इस दिवाली को नई उम्मीदों और खुशी के साथ मना सकेंगे। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकार उनकी बाकी मांगों को भी सुनेगी और उनका स्थायी समाधान निकालेगी।
अतिथि शिक्षक सिर्फ अस्थाई कर्मचारी नहीं होते, वे बच्चों को शिक्षा देने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। इस सैलरी के मिलने से न सिर्फ उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उन्हें मानसिक सुकून भी मिलेगा कि उनकी मेहनत का फल उन्हें समय पर मिल रहा है।
नियमतिकरण की मांग अधूरी
हालांकि सैलरी का भुगतान एक बड़ा मुद्दा था, लेकिन अतिथि शिक्षकों की एक और बड़ी मांग है—नियमितिकरण। पिछले कुछ वर्षों से, अतिथि शिक्षक अपने स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे भी नियमित शिक्षकों की तरह काम करते हैं, लेकिन उनकी नौकरी की सुरक्षा नहीं होती।
अतिथि शिक्षकों का संगठन इस मुद्दे पर कई बार प्रदर्शन कर चुका है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हाल ही में, 2 अक्टूबर को भोपाल में अतिथि शिक्षक संघ ने एक बड़ा प्रदर्शन किया था, जिसमें पुलिस द्वारा लाठीचार्ज भी किया गया था। इसके बावजूद, अतिथि शिक्षक अपनी मांगों से पीछे नहीं हटे और वे जल्द ही फिर से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
सरकार के सामने चुनौतियां
अतिथि शिक्षकों का नियमितिकरण एक जटिल मुद्दा है। सरकार को यह देखना होगा कि वेतनमान, रोजगार सुरक्षा और अन्य सुविधाएं किस तरह से दी जा सकती हैं। इस प्रक्रिया में कई तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियाँ हैं, जिनका समाधान बिना किसी संघर्ष के संभव नहीं है।
सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि नियमित शिक्षकों के समान अतिथि शिक्षकों को भी स्थायी नौकरी और वेतनमान कैसे दिया जाए। इससे न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि शिक्षकों की कार्यक्षमता और समर्पण में भी वृद्धि होगी।
दिवाली की सैलरी का महत्व
दिवाली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है, और इस दौरान हर व्यक्ति अपने परिवार और दोस्तों के साथ इसे धूमधाम से मनाना चाहता है। ऐसे में तीन महीने की सैलरी एक साथ मिलने से अतिथि शिक्षकों को न केवल आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि वे इस त्योहार को खुशी और उत्साह के साथ मना सकेंगे।
तीन महीने की सैलरी का एक साथ मिलना किसी वरदान से कम नहीं है, खासकर तब जब यह सैलरी दिवाली जैसे बड़े त्योहार से ठीक पहले मिल रही हो। इससे अतिथि शिक्षकों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है और वे अपने परिवार के साथ इस त्यौहार को सुकून से मना पाएंगे।
अतिथि शिक्षकों के लिए आगे की राह
अतिथि शिक्षकों के सामने अब भी कई चुनौतियां हैं। सैलरी का भुगतान एक तात्कालिक राहत है, लेकिन उनकी नौकरी की सुरक्षा और नियमितिकरण अब भी प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि अतिथि शिक्षकों को उनके हक का सम्मान मिल सके।
आने वाले समय में, अतिथि शिक्षक संघ द्वारा बड़े पैमाने पर आंदोलन की तैयारी की जा रही है। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करेंगे। यह आंदोलन सरकार के लिए एक चुनौती बन सकता है, खासकर तब जब चुनाव नजदीक आ रहे हों।
मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए यह दिवाली वाकई में खुशियों की सौगात लेकर आई है। तीन महीने की रुकी हुई सैलरी का भुगतान उन्हें राहत तो देगा ही, साथ ही उनके भीतर नए जोश और उमंग का संचार भी करेगा। लेकिन इस सैलरी के भुगतान के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि सरकार उनकी लंबित मांगों पर भी ध्यान दे और उनका स्थायी समाधान निकाले।
अतिथि शिक्षक प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का अहम हिस्सा हैं, और उनका योगदान किसी से छुपा नहीं है। अब समय आ गया है कि सरकार उनकी मेहनत का उचित मूल्यांकन करे और उन्हें वो सभी अधिकार और सुविधाएं प्रदान करे, जिनके वे हकदार हैं।