mp board 9th-11th exams time table 2024-25: 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों का वार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल घोषित
mp board 9th-11th exams time table 2024-25: 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों का वार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल घोषित
मध्य प्रदेश बोर्ड ने 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर दिया है। परीक्षा की तारीखों का ऐलान होते ही छात्रों में उत्साह के साथ-साथ तैयारी को लेकर तनाव भी बढ़ गया है। यह टाइम टेबल स्कूल शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा जारी किया गया है, जिसमें 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं 3 फरवरी से 22 फरवरी 2024 तक आयोजित की जाएंगी।
इस लेख में हम आपको परीक्षा के टाइम टेबल, तैयारी से जुड़ी चुनौतियों और इसे बेहतर तरीके से निपटाने के उपायों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
परीक्षा का समय और टाइम टेबल
9वीं कक्षा:
9वीं कक्षा की परीक्षाएं 5 फरवरी 2024 से 22 फरवरी 2024 तक आयोजित की जाएंगी। ये परीक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक होंगी।
11वीं कक्षा:
11वीं कक्षा की परीक्षाएं 3 फरवरी 2024 से 22 फरवरी 2024 तक आयोजित की जाएंगी। ये परीक्षाएं दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक होंगी।
परीक्षा पेपर भोपाल स्थित राज्य मुक्त शिक्षा परिषद द्वारा तैयार किए जाएंगे और इन्हें जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से स्कूलों तक पहुंचाया जाएगा।
सिर्फ 1 महीने की तैयारी का समय
परीक्षा की तारीखें घोषित होने के बाद छात्रों के पास तैयारी के लिए समय काफी सीमित है।
- हॉफ ईयरली एग्जाम:
- ये परीक्षाएं 9 दिसंबर 2023 से 19 दिसंबर 2023 तक होंगी।
- इन परीक्षाओं का रिजल्ट 30 दिसंबर 2023 को घोषित किया जाएगा।
अंतिम परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को केवल जनवरी का महीना मिलेगा।
सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में स्थिति अलग
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई और परीक्षा से जुड़ी परिस्थितियां प्राइवेट स्कूलों की तुलना में अलग हैं।
- सरकारी स्कूलों में कई जगहों पर सिलेबस अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
- जबकि प्राइवेट स्कूलों में इस तरह की समस्याएं आमतौर पर नहीं होतीं।
तैयारी में आने वाली चुनौतियां
1. सिलेबस पूरा कराना एक बड़ी चुनौती
सरकारी स्कूलों में सिलेबस पूरा कराना शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
- पूरे शैक्षणिक सत्र के दौरान शिक्षकों की भर्ती, अतिशेष प्रक्रिया, और प्रभार जैसे प्रशासनिक कामों में समय व्यतीत हुआ।
- कई स्कूलों में अब तक नियमित टीचर उपलब्ध नहीं हो पाए हैं।
2. समय की कमी
- हॉफ ईयरली एग्जाम के बाद जनवरी में सिर्फ एक महीने का समय मिलेगा।
- इतनी कम अवधि में छात्रों को पूरे सिलेबस को दोहराना और परीक्षा की तैयारी करना होगा।
3. मानसिक तनाव
कम समय में तैयारी करने का दबाव छात्रों में तनाव बढ़ा सकता है।
- खासतौर पर उन छात्रों के लिए, जिनका सिलेबस अभी तक अधूरा है।
- समय प्रबंधन और सही रणनीति न होने पर प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
तैयारी के टिप्स और रणनीति
1. टाइम टेबल बनाएं
- एक सटीक पढ़ाई का शेड्यूल तैयार करें।
- कठिन विषयों को पहले कवर करें और रोजाना हर विषय को समय दें।
2. पुराने प्रश्न पत्र हल करें
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करने से परीक्षा पैटर्न और महत्वपूर्ण प्रश्नों का अंदाजा लगेगा।
- यह आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगा।
3. शॉर्ट नोट्स तैयार करें
- हर विषय के महत्वपूर्ण टॉपिक्स के शॉर्ट नोट्स बनाएं।
- परीक्षा से पहले दोहराने में ये काफी मददगार होंगे।
4. नियमित ब्रेक लें
- पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लें।
- लगातार पढ़ाई करने से थकावट होती है और ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
5. ग्रुप स्टडी का सहारा लें
- साथियों के साथ ग्रुप स्टडी करें।
- इससे आप दूसरों के नजरिए से भी विषय को समझ सकते हैं और अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं।
6. स्कूल शिक्षकों से मदद लें
- जिन टॉपिक्स में दिक्कत हो, उन्हें समझने के लिए शिक्षकों की मदद लें।
- सरकारी स्कूलों में यह सहायता मुफ्त में उपलब्ध होती है।
परीक्षा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
1. समय पर पहुंचे
परीक्षा के दिन तनाव से बचने के लिए समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंचे।
2. परीक्षा सामग्री तैयार रखें
- पेन, पेंसिल, एडमिट कार्ड और अन्य जरूरी सामग्री एक दिन पहले ही तैयार कर लें।
- किसी भी तरह की गलती से बचने के लिए नियमों को ध्यान से पढ़ें।
3. शांत रहें और ध्यान केंद्रित करें
- परीक्षा के दौरान घबराने से बचें।
- जो प्रश्न पहले समझ आएं, उन्हें हल करें और कठिन प्रश्नों को बाद के लिए छोड़ दें।
शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका
1. शिक्षकों की भूमिका
- छात्रों को समय पर सिलेबस पूरा कराना और रिवीजन कराना सुनिश्चित करें।
- कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दें और उनके डाउट्स को क्लियर करें।
2. अभिभावकों की भूमिका
- बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करें और उन्हें प्रोत्साहित करें।
- यह सुनिश्चित करें कि बच्चे पढ़ाई के लिए सही माहौल में हैं।
9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा का समय नजदीक है। कम समय में तैयारी करना चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन सही रणनीति और मेहनत से इस चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है।
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छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे शांत मन से पढ़ाई करें और स्मार्ट तरीके से अपनी तैयारी को पूरा करें। शिक्षकों और अभिभावकों का सहयोग छात्रों के लिए बेहद जरूरी है। याद रखें, मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। सफलता उन्हीं को मिलती है, जो कठिन परिस्थितियों में भी खुद पर विश्वास रखते हैं।