Mp Teacher Recruitment 2024: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल

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Mp Teacher Recruitment 2024: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला, शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल

हाल ही में जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में स्कूल शिक्षा विभाग और ट्राइबल वेलफेयर डिपार्टमेंट को नोटिस जारी करते हुए सभी नवनियुक्त शिक्षकों का रिकॉर्ड मांगा है, जिनकी पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री में 45 से 50% अंक हैं। यह मामला शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में विभाजन (डिवीजन) को लेकर उठे विवाद का है। इस लेख में हम इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे और समझेंगे कि किस प्रकार यह मुद्दा न्यायालय के संज्ञान में आया।

Mp Teacher Recruitment 2024 डिवीजन और प्राप्तांक का विवाद

भारतीय शिक्षा प्रणाली में डिवीजन का एक महत्वपूर्ण स्थान है। आमतौर पर विश्वविद्यालय और कॉलेज डिग्री में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी में विभाजन करते हैं।

  • प्रथम श्रेणी: 60% या उससे अधिक अंक
  • द्वितीय श्रेणी: 45% से 59% तक अंक
  • तृतीय श्रेणी: 35% से 44% तक अंक

हालांकि, विभिन्न विश्वविद्यालयों में यह सीमा अलग-अलग हो सकती है, जिससे विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए समान अंक होते हुए भी अलग-अलग डिवीजन बन जाते हैं।

Mp Teacher Recruitment 2024 क्यों आई समस्या

मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया में डिवीजन का आधार लिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि कुछ विश्वविद्यालयों से पास हुए छात्रों को, जिनकी मार्कशीट में द्वितीय श्रेणी दर्ज थी, भले ही उनके अंक कम हों, चयनित कर लिया गया। वहीं दूसरी ओर, वे छात्र जिनके अंक अधिक थे, लेकिन उनकी मार्कशीट में तृतीय श्रेणी दर्ज थी, उन्हें बाहर कर दिया गया।

उदाहरण के लिए, यदि एक विश्वविद्यालय 45% पर द्वितीय श्रेणी घोषित करता है और दूसरा 50% पर, तो 47% अंक प्राप्त करने वाले एक छात्र को तृतीय श्रेणी मिल सकती है, जबकि 46% अंक प्राप्त करने वाला दूसरा छात्र द्वितीय श्रेणी में गिना जाएगा। इस प्रकार, डिवीजन के आधार पर चयन प्रक्रिया ने कई योग्य उम्मीदवारों को नौकरी से वंचित कर दिया।

Mp Teacher Recruitment 2024 पर न्यायालय की कार्यवाही

याचिका का दायर होना

इस प्रक्रिया से पीड़ित उम्मीदवारों ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं ने शिक्षक भर्ती नियम 2018 की संवैधानिकता को चुनौती दी, जिसमें चयन के लिए डिवीजन को प्राथमिकता दी गई थी, जबकि एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) के नियमों के अनुसार चयन प्रक्रिया को प्राप्तांकों के आधार पर होना चाहिए।

याचिका की सुनवाई

याचिका क्रमांक WP/12985/2021, WP/684/2023, WP/3198/2023, और WP/1177/2024 पर सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने की। याचिका में प्रस्तुत किए गए प्रमाणों के आधार पर न्यायालय ने इसे गंभीर मामला मानते हुए स्कूल शिक्षा विभाग और ट्राइबल डिपार्टमेंट को निर्देश दिया कि वे सभी नियुक्तियों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करें, जिनमें 45% से 50% अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई है।

Mp Teacher Recruitment 2024 पर न्यायालय का आदेश

Mp Teacher Recruitment 2024 उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश जारी किया कि संबंधित विभाग यह बताएं कि ऐसे कितने उम्मीदवार हैं जिन्हें 50% से कम अंक प्राप्त करने पर भी नियुक्ति दी गई है। इस आदेश के पीछे न्यायालय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चयन प्रक्रिया में किसी भी योग्य उम्मीदवार के साथ अन्याय न हो और चयन पारदर्शी और न्यायसंगत हो।

चयन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता

यह प्रकरण यह दर्शाता है कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सुधार की सख्त आवश्यकता है। चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए निम्नलिखित सुधार किए जा सकते हैं:

प्राप्तांक के आधार पर चयन

  • प्राप्तांक को प्राथमिकता दें: चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता प्राप्तांकों को दी जानी चाहिए, ताकि सभी उम्मीदवारों के साथ समानता बरती जा सके।
  • समान पैमाने का उपयोग: विभिन्न विश्वविद्यालयों के डिवीजन सिस्टम के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचने के लिए समान पैमाने का उपयोग किया जा सकता है।

नियमों का स्पष्ट निर्धारण

  • स्पष्ट दिशानिर्देश: भर्ती प्रक्रिया के नियम स्पष्ट और सुसंगत होने चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अस्पष्टता न रहे।
  • एनसीटीई के निर्देशों का पालन: एनसीटीई के नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य होना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर समानता बनी रहे।

शिकायत निवारण तंत्र

  • शिकायत प्रकोष्ठ का गठन: भर्ती प्रक्रिया से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए एक स्वतंत्र प्रकोष्ठ का गठन किया जाना चाहिए।
  • त्वरित समाधान: शिकायतों का समाधान त्वरित और निष्पक्ष होना चाहिए, ताकि उम्मीदवारों को समय पर न्याय मिल सके।

Mp Teacher Recruitment 2024 मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का यह आदेश शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और योग्य उम्मीदवारों के साथ कोई अन्याय न हो। शिक्षा विभाग और अन्य संबंधित संस्थानों को चाहिए कि वे इस आदेश का पालन करें और प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और निष्पक्ष बनाएं।

इस प्रकार, यह प्रकरण हमें यह समझने का अवसर देता है कि कैसे उचित नीति और प्रक्रियाओं के अभाव में कई योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हो सकता है। यह समय है कि हम सभी इस दिशा में मिलकर प्रयास करें और सुनिश्चित करें कि हमारी शिक्षा प्रणाली और भर्ती प्रक्रिया समानता और न्याय पर आधारित हो।

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