यह चीज खत्म कर देगी पीला रतुआ का नामोनिशान, गेहूं की फसल चमकेगी सोने माफिक

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सर्दियों के मौसम में गेहूं की फसल पर पीला रतुआ (येलो रस्ट) रोग का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इससे फसल को भारी नुकसान हो सकता है। बदलते मौसम और पहली सर्दी की बारिश के बाद हवा में नमी और ठंडक बढ़ जाती है, जिससे इस बीमारी का प्रकोप और तेज हो जाता है। इसे रोकने के लिए किसान कई उपाय अपनाते हैं। यहां हम आपको एक प्रभावी उपाय के बारे में बता रहे हैं जो इस समस्या को जड़ से खत्म करने में मददगार है।

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यह चीज खत्म कर देगी पीला रतुआ का नामोनिशान

पीला रतुआ रोग को खत्म करने के लिए प्रोपिकोनाजोल का इस्तेमाल बहुत प्रभावी है। यह एक सिस्टमेटिक फफूंदनाशक (फंगीसाइड) है, जो गेहूं की फसल में होने वाले रोगों को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है। यह फंगस की वृद्धि को रोककर उसे पूरी तरह खत्म कर देता है।

उपयोग का तरीका

प्रोपिकोनाजोल का उपयोग पीला रतुआ बीमारी के इलाज में बहुत फायदेमंद और असरदार साबित होता है। इसे एक एकड़ में उपयोग करने के लिए 200 मिली प्रोपिकोनाजोल को 200 लीटर पानी में अच्छी तरह मिलाकर गेहूं की फसल पर छिड़काव करें। ध्यान रखें कि यह छिड़काव साफ मौसम में करें, जब बारिश, कोहरा या ओस न हो। इससे पीला रतुआ का नामोनिशान मिट जाएगा।

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क्या है पीला रतुआ

पीला रतुआ गेहूं की फसल में होने वाला एक प्रकार का फफूंद रोग है। यह फसल की पत्तियों को सूखा देता है और उत्पादन पर बुरा प्रभाव डालता है। इसके लक्षणों में पत्तियों पर पीली धारियां दिखाई देती हैं। पत्तियों को तोड़कर हाथ पर रगड़ें, अगर हल्दी जैसा पीला पाउडर निकले तो समझिए यह पीला रतुआ है। इसे समय पर ठीक न किया जाए तो यह पूरी फसल बर्बाद कर सकता है।

नोट: यह जानकारी किसानों के अनुभवों और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले कृषि विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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