
Soyabeen Bhaw: सोयाबीन के दाम में तेजी किसानों के लिए राहत की खबर, जानिए कहां मिल रहा है 4500 से 6000 रुपये तक भाव
Soyabeen Bhaw: सोयाबीन के दाम में तेजी किसानों के लिए राहत की खबर, जानिए कहां मिल रहा है 4500 से 6000 रुपये तक भाव
भारत में खरीफ सीजन की सबसे अहम फसलों में से एक सोयाबीन है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और राजस्थान जैसे राज्यों में इसकी बुआई बड़े पैमाने पर की जाती है। किसानों के लिए यह फसल नकद आय का बड़ा स्रोत मानी जाती है। इस समय बाजार में सोयाबीन के भावों में फिर से तेजी का माहौल देखने को मिल रहा है।
नवंबर 2025 की शुरुआत में जहां कुछ मंडियों में भाव 3800 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल तक थे, वहीं अब कई जगहों पर यह बढ़कर 4500 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। यह किसानों के लिए राहत की खबर है क्योंकि बीते कुछ महीनों से सोयाबीन के दाम कमजोर बने हुए थे।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किन मंडियों में इस समय सोयाबीन के क्या भाव चल रहे हैं, किस जगह पर सबसे ज्यादा रेट मिल रहा है, और आगे आने वाले हफ्तों में कीमतों का रुख कैसा रह सकता है।
1. सोयाबीन बाजार की मौजूदा स्थिति
नवंबर 2025 के पहले सप्ताह से ही देशभर की प्रमुख कृषि उपज मंडियों में सोयाबीन की आवक में कमी आने लगी है। फसल कटाई का दौर लगभग खत्म हो चुका है और किसान अब सीमित मात्रा में उपज बेच रहे हैं।
मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होने से बाजार में भावों में मजबूत सुधार देखने को मिला है। कुछ प्रमुख मंडियों में सोयाबीन की कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं।
2. महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों के ताजा भाव
नीचे महाराष्ट्र की कुछ प्रमुख बाजार समितियों के सोयाबीन के ताजा भाव दिए जा रहे हैं जो किसानों के लिए बहुत उपयोगी जानकारी है:
| बाजार समिति | आवक (क्विंटल) | न्यूनतम भाव (₹) | अधिकतम भाव (₹) | औसत भाव (₹) |
|---|---|---|---|---|
| पुसद | 521 | 4150 | 4520 | 4450 |
| तुळजापूर | 725 | 4500 | 4500 | 4500 |
| नागपुर (लोकल) | 3817 | 4200 | 4850 | 4657 |
| हिंगोली (लोकल) | 2070 | 4085 | 4585 | 4335 |
| मालेगांव (पिवळा) | 644 | 3540 | 4435 | 4435 |
| बीड (पिवळा) | 298 | 4250 | 4700 | 4552 |
| पैठण (पिवळा) | 214 | 3280 | 4381 | 4331 |
| दिग्रस (पिवळा) | 865 | 3900 | 4700 | 4465 |
| देउळगाव राजा (पिवळा) | 313 | 3775 | 4496 | 4301 |
| राजूरा (पिवळा) | 425 | 3380 | 4515 | 4285 |
| आष्टी (वर्धा) | 110 | 3000 | 4650 | 3900 |
3. किसानों के लिए राहत की खबर
पिछले कुछ महीनों में सोयाबीन के दाम 3500 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बने हुए थे। किसानों को उम्मीद थी कि त्योहारों के बाद बाजार में मांग बढ़ेगी और उन्हें बेहतर दाम मिलेंगे।
अब जब नवंबर के पहले पखवाड़े में ही 4500 से 6000 रुपये तक भाव मिलने लगे हैं, तो किसानों के चेहरों पर फिर से मुस्कान लौट आई है।
इस बार सरकार और निजी तेल कंपनियों की मांग में वृद्धि से भी बाजार को सहारा मिला है। सोयाबीन ऑयल मिलें सक्रिय हो चुकी हैं और निर्यातक भी खरीदारी कर रहे हैं।
4. कीमत बढ़ने के प्रमुख कारण
सोयाबीन के दामों में जो तेजी आई है, उसके पीछे कुछ अहम कारण हैं:
- कम आवक – फसल की कटाई लगभग समाप्त होने के बाद मंडियों में आवक घट गई है।
- तेल मिलों की बढ़ती मांग – त्योहारी सीजन में तेल की खपत बढ़ने से मिलें ज्यादा खरीद रही हैं।
- निर्यात की संभावना – अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन ऑयल के दाम बढ़े हैं, जिससे निर्यातकों ने भी स्टॉक करना शुरू किया है।
- किसानों की रोक नीति – कई किसान अभी अपनी उपज घर में रोक कर रखे हुए हैं ताकि उन्हें ऊंचा भाव मिल सके।
- मौसम का असर – इस साल मानसून में कुछ हिस्सों में बारिश अधिक हुई, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ और कुल आपूर्ति कम रही।
5. मध्य प्रदेश की मंडियों का हाल
मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य है। यहां की कई मंडियों में भाव 4600 से 5500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं।
इंदौर, उज्जैन, सीहोर, और होशंगाबाद जैसे जिलों में अच्छी क्वालिटी के सोयाबीन को ऊंचा भाव मिल रहा है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बाजार में आवक इसी तरह सीमित रही तो दिसंबर तक भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं।
6. किसानों के लिए सुझाव
- जो किसान अपनी उपज रोककर रखे हुए हैं, वे मंडी रेट्स पर नजर बनाए रखें।
- बाजार में जब भाव 5500 रुपये से ऊपर पहुंचें, तब धीरे-धीरे बिक्री शुरू करें।
- गुणवत्ता वाले दानों को अलग से रखें क्योंकि अच्छी क्वालिटी का दाम हमेशा ज्यादा मिलता है।
- अगर आपके इलाके में प्रोसेसिंग यूनिट्स हैं, तो वहां सीधी बिक्री (Direct Sale) करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
7. आने वाले दिनों में कीमतों का रुख
विशेषज्ञों के अनुसार नवंबर के दूसरे पखवाड़े तक सोयाबीन की कीमतों में और तेजी आने की संभावना है।
कारण:
- विदेशी बाजारों में तेल की बढ़ती कीमतें
- घरेलू मांग में बढ़ोतरी
- किसानों द्वारा स्टॉक रोकना
हालांकि दिसंबर के अंत में जैसे ही नए सोयाबीन ऑयल का आयात शुरू होगा, बाजार में थोड़ी गिरावट भी देखने को मिल सकती है।
8. किसानों के अनुभव
विदर्भ क्षेत्र के किसान रमेश भोसले बताते हैं –
“पिछले साल मुझे सोयाबीन का भाव सिर्फ 4200 रुपये मिला था, लेकिन इस बार मंडी में 4700 रुपये तक मिल गया। अगर यह भाव दिसंबर तक बना रहा तो लागत निकालने के बाद अच्छा मुनाफा हो जाएगा।”
वहीं मराठवाड़ा की एक महिला किसान अर्चना कदम का कहना है –
“हमने इस बार सोयाबीन की पैदावार कम की थी क्योंकि पिछले साल नुकसान हुआ था, लेकिन इस बार के भाव देखकर लगता है कि अगले सीजन में फिर से ज्यादा बुआई करेंगे।”
9. सरकार की भूमिका
राज्य सरकार और केंद्र दोनों इस समय कृषि क्षेत्र को लेकर सतर्क हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के हित में मंडी शुल्क कम करने की दिशा में कदम उठाए हैं, वहीं केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा है कि किसानों को MSP से कम भाव न मिले, इसके लिए निगरानी रखी जाएगी।
फिलहाल सोयाबीन बाजार में तेजी का माहौल बना हुआ है।
कई जगहों पर भाव 4500 रुपये से लेकर 6000 रुपये तक पहुंच चुके हैं।
यह किसानों के लिए राहत भरी खबर है क्योंकि पिछले सालों की तुलना में इस बार बाजार में मजबूती दिख रही है।
आने वाले कुछ हफ्तों तक अगर मौसम सामान्य रहा और आवक कम रही, तो कीमतों में और सुधार संभव है।
कुल मिलाकर, नवंबर 2025 किसानों के लिए सोयाबीन का सुनहरा महीना साबित हो सकता है।








