sugarcane price: गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी गन्ने के दाम में बढ़ोतरी का ऐलान, देखें नई रेट लिस्ट
sugarcane price: गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी गन्ने के दाम में बढ़ोतरी का ऐलान, देखें नई रेट लिस्ट
गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने गन्ने के दाम में ₹20 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से की गई है। खासकर बिहार राज्य में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गन्ने के मूल्य में इस बढ़ोतरी की घोषणा की। इस फैसले से गन्ना उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सकेगा।
आइए विस्तार से जानते हैं कि यह बढ़ोतरी किस प्रकार किसानों को लाभ पहुंचाएगी, नई रेट लिस्ट क्या है, और अन्य राज्यों में गन्ने का मूल्य कितना है।
गन्ने के दाम में ₹20 की बढ़ोतरी का ऐलान ( sugarcane price increased by 20 rupees )
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम चंपारण जिले में आयोजित प्रगति यात्रा के दौरान गन्ना किसानों से बातचीत की। किसानों ने अपनी समस्या साझा करते हुए गन्ने के कम दाम का मुद्दा उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत गन्ना उद्योग विभाग को निर्देश दिया कि गन्ने के दाम में ₹20 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की जाए।
इससे पहले भी, सरकार ने ₹10 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी। अब इस अतिरिक्त ₹10 की बढ़ोतरी के साथ, किसानों को कुल ₹20 प्रति क्विंटल अधिक मिलेगा।
गन्ने की नई रेट लिस्ट 2024-25
गन्ने की किस्मों के आधार पर नई रेट लिस्ट इस प्रकार है:
गन्ने की किस्म | पुराना मूल्य (₹/क्विंटल) | नया मूल्य (₹/क्विंटल) |
---|---|---|
उच्च कोटी गन्ना प्रभेद | 355 | 375 |
सामान्य कोटी गन्ना प्रभेद | 345 | 365 |
निम्न कोटी गन्ना प्रभेद | 325 | 345 |
इस बढ़ोतरी के बाद, बिहार के गन्ना किसान अन्य राज्यों के किसानों के बराबर मूल्य प्राप्त करेंगे।
गन्ना मूल्य में वृद्धि से किसानों को कितना लाभ होगा?
- सीधा आर्थिक लाभ:
- गन्ने के दाम में ₹20 प्रति क्विंटल की वृद्धि से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- गन्ना उत्पादन को बढ़ावा:
- इस फैसले से गन्ना उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे चीनी उद्योग को भी फायदा होगा।
- खेती को प्रोत्साहन:
- अधिक लाभ मिलने से किसान गन्ने की खेती के प्रति अधिक रुचि दिखाएंगे।
अन्य राज्यों में गन्ने का मूल्य (2024-25)
देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने के मूल्य इस प्रकार हैं:
राज्य | गन्ने का मूल्य (₹/क्विंटल) |
---|---|
पंजाब | 391 |
हरियाणा | 386 |
बिहार | 375 |
उत्तराखंड | 375 |
उत्तर प्रदेश | 355 |
उत्तर प्रदेश में गन्ने का भाव सबसे कम क्यों?
उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है, लेकिन यहां के किसानों को सबसे कम ₹355 प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। इसके विपरीत, पंजाब में किसानों को ₹391 प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार को गन्ना मूल्य बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि यहां के किसानों को भी बेहतर लाभ मिल सके।
केंद्र सरकार द्वारा तय किया गया एफआरपी (FRP)
केंद्र सरकार ने वित्तीय सत्र 2024-25 के लिए गन्ने का एफआरपी (Fair and Remunerative Price) ₹340 प्रति क्विंटल तय किया है। यह वह न्यूनतम मूल्य है, जिससे कम पर कोई भी राज्य सरकार गन्ने की खरीद नहीं कर सकती।
गन्ना मूल्य बढ़ाने के पीछे सरकार का उद्देश्य
- किसानों की आय दोगुनी करना:
- सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक किसानों की आय दोगुनी हो। गन्ने के दाम बढ़ाकर इस दिशा में प्रयास किया गया है।
- चीनी उत्पादन को बढ़ावा:
- गन्ना मूल्य बढ़ाने से चीनी मिलों को अधिक गन्ना प्राप्त होगा, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी।
- कृषि क्षेत्र का विकास:
- किसानों को बेहतर मूल्य मिलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
गन्ना मूल्य बढ़ोतरी का प्रभाव
- किसानों की संतुष्टि:
- इस फैसले से किसानों में खुशी की लहर है। गन्ना किसानों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
- चीनी उद्योग का विकास:
- अधिक गन्ना उत्पादन से चीनी उद्योग को भी फायदा होगा।
- गांवों में खुशहाली:
- बेहतर मूल्य मिलने से ग्रामीण इलाकों में आर्थिक समृद्धि आएगी।
गन्ने के मूल्य में ₹20 की बढ़ोतरी किसानों के लिए राहत की खबर है। इस फैसले से न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि गन्ना उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का यह कदम कृषि और चीनी उद्योग दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
अगर अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार भी गन्ने के दाम बढ़ाए, तो यहां के किसानों को भी बेहतर लाभ मिल सकता है। कुल मिलाकर, यह फैसला किसानों और देश की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक पहल है।
किसानों के लिए सुझाव:
गन्ने की खेती से जुड़ी सरकारी योजनाओं और नए दामों की जानकारी के लिए स्थानीय अधिकारियों या कृषि विभाग से संपर्क करें।