हाल ही में जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में स्कूल शिक्षा विभाग और ट्राइबल वेलफेयर डिपार्टमेंट को नोटिस जारी करते हुए सभी नवनियुक्त शिक्षकों का रिकॉर्ड मांगा है
जिनकी पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री में 45 से 50% अंक हैं। यह मामला शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में विभाजन (डिवीजन) को लेकर उठे विवाद का है।
मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया में डिवीजन का आधार लिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि कुछ विश्वविद्यालयों से पास हुए छात्रों को, जिनकी मार्कशीट में द्वितीय श्रेणी दर्ज थी, भले ही उनके अंक कम हों, चयनित कर लिया गया।
वहीं दूसरी ओर, वे छात्र जिनके अंक अधिक थे, लेकिन उनकी मार्कशीट में तृतीय श्रेणी दर्ज थी, उन्हें बाहर कर दिया गया।