गेहूं की फसल में फुटाव और कल्ले बढ़ाने का रामबाण उपाय, बालियों से भर जाएंगे खेत

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गेहूं की फसल में अंकुरण और तनों के विकास के लिए पोषक तत्व बहुत महत्वपूर्ण हैं। गेहूं की फसल में नाइट्रोजन और पोटाश की कमी नहीं होनी चाहिए क्योंकि ये पोषक तत्व अच्छे उत्पादन के लिए जरूरी हैं। सही समय पर सही मात्रा में खाद और सिंचाई का ध्यान रखकर गेहूं में अंकुरण और तनों की वृद्धि को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन ज्यादा सिंचाई करने से पीलापन आ जाता है, जो उत्पादन को सीधे प्रभावित करता है। इसलिए गेहूं की फसल में सिंचाई, खाद, पोषक तत्व और मिट्टी की संरचना पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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तनों की संख्या बढ़ाने के लिए बस ये खाद डालें

गेहूं की फसल में पोषक तत्वों की कमी के कारण कई बार पीलेपन और कम तनों के अंकुरण की समस्या हो जाती है, जिससे उत्पादन में गिरावट आती है। गेहूं की पैदावार बढ़ाने और पीलेपन की समस्या को खत्म करने के लिए एक एकड़ फसल में 125 ग्राम चिलेटेड जिंक को 120 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

इसके अलावा, जिंक सल्फेट को यूरिया के साथ मिलाकर एक एकड़ फसल में उपयोग किया जा सकता है। इन दोनों में से किसी एक का छिड़काव करने से गेहूं की फसल में पीलेपन की समस्या खत्म हो जाती है और तनों की वृद्धि दोगुनी रफ्तार से होती है।

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इस लेख में दी गई जानकारी किसानों के व्यक्तिगत अनुभवों और सार्वजनिक इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य लें।

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