
इस तकनीक से गेहूं में होगा जबरदस्त फुटाव,ताबड़तोड़ होगा उत्पादन
गेहूं की फसल किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण फसल है। किसान इसे उगाने में कड़ी मेहनत करते हैं। वर्तमान समय में कुछ क्षेत्रों में गेहूं की बुवाई हो चुकी है, जबकि कुछ स्थानों पर अभी भी यह जारी है। गेहूं की बुवाई के दौरान किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि उर्वरक (यूरिया) का सही मात्रा में उपयोग, सिंचाई की मात्रा और खरपतवारों को खत्म करने के तरीके। इन सभी बातों को लेकर किसान काफी चिंतित रहते हैं।
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गेहूं की फसल में यूरिया का सही उपयोग
गेहूं की फसल की अच्छी बढ़ोतरी के लिए सबसे जरूरी है सही मात्रा में उर्वरक और पानी। सही समय और मात्रा में उर्वरक का उपयोग गेहूं की फसल के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है।
- एक एकड़ जमीन में कितनी यूरिया डालें:
- गेहूं की फसल में एक एकड़ जमीन के लिए आपको दो बार यूरिया डालनी चाहिए।
- एक एकड़ जमीन में आपको कुल 100-120 किलोग्राम यूरिया डालनी है।
- पहली बार बुवाई के एक महीने बाद, सिंचाई के बाद 50-60 किलोग्राम यूरिया डालें।
- दूसरी बार, जब फसल में बालियां निकलने लगें, तब 50-60 किलोग्राम यूरिया डालें।
यूरिया को एक साथ डालने से फसल को नुकसान हो सकता है, इसलिए इसे समय और मात्रा के अनुसार डालना जरूरी है।
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गेहूं में सिंचाई का सही समय
गेहूं की फसल में पानी देने का सही समय विशेषज्ञ बताते हैं:
- पहली सिंचाई बुवाई के 21 दिन बाद करें।
- दूसरी सिंचाई 45-50 दिन बाद।
- तीसरी सिंचाई 55-60 दिन बाद।
- चौथी सिंचाई 75-80 दिन बाद।
- जरूरत हो तो पांचवीं सिंचाई 110 दिन बाद करें।
सही समय पर सिंचाई और उर्वरक का उपयोग करने से फसल की पैदावार बेहतर होगी।